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Russia ने खूबसूरत Ukraine को बनाया खंडहर, देखें अपनों को खोने और पलायन के बीच रोते-बिलखते लोगों की ताजा तस्वीर

यूक्रेन के शहरों पर रूसी हमलों के बीच चारों तरफ बर्बादी के निशान दिख रहे हैं। लगातार हो रही बमबारी से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। हफ्ते भर पहले शुरू हुए युद्ध की लगातार बढ़ती तीव्रता ने यूक्रेनियों को हिलाकर रख दिया है। शहरों में आंसुओं का सैलाब है, जो धमाकों की आवाजों और धूल के गुबार में खो गया है। जीवन भर की कमाई से बनाए अपने आशियाने को छोड़ने की टीस तो है लेकिन सुरक्षित जगहें तलाशना पहला मकसद भी है। परेशान लोग जहां जो साधन मिला, उससे पलायन करते हुए शहर खाली कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि युद्ध की विभीषिका में किसी को भी खोएं। एक अनुमान के मुताबिक पिछले सात दिनों में तकरीबन 10 लाख यूक्रेनियनंस ने देश छोड़ा है। ये पड़ोसी देशों हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और मोल्डोवा में शरण लेने के लिए कतारें में हैं। धमाकों के बीच बर्बाद हुए शहरों और रोते-बिलखते लागों की तस्वीरें हिला देने वाली हैं। 

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Asianet News Hindi
Published : Mar 03 2022, 03:16 PM IST| Updated : Mar 03 2022, 06:43 PM IST
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रूस के हमलों के बीच चारों तरफ बर्बादी के निशान दिख रहे हैं। चंद दिनों पहले तक चमचमाते शहर मलबे में तब्दील हो चुके हैं। धमाकों की आवाजें, आग की लपटें और धुएं का गुबार किधर से उठने लगे यह किसी को नहीं पता। इस बीच सभी को अपनों को बचाने की फिक्र लगी है।

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रूस के हमलों के बीच आशयाने उजड़े तो लोगों को समझ नहीं आ रहा कि कहां जाएं। यूक्रेनी राष्ट्रपति की अपील पर बहुत सारे यूक्रेनियंस ने बंदूकें उठा ली हैं। देश को बचाने के लिए मैदान में उतरे लोग परिवार को महफूज रखने के लिए यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेज रहे हैं। उन्हें यह भी नहीं मालूम कि दोबारा परिजनों से मुलाकात होगी भी या नहीं।  

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खारकीव में लगातार हवाई हमले हो रहे हैं। कीव में भी गोलियाें की आवाजें रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गई हैं। ऐसे में जान बचाने के लिए शरणार्थी रोमानिया, पोलैंड, हंगरी जैसे देशों की तरफ निकल पड़े हैं। अपना आशियाना छूटता देख महिलाओं के आंसू निकल रहे हैं तो मासूम बच्चों को पता भी नहीं कि अगली रात वे कहां सोएंगे।

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हमले के आठवें दिन गुरुवार को कीव में लगातार कई धमाके हुए। हालांकि इन विस्फोटों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इन धमाकों के बीच बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में निकल पड़े हैं। चारों तरफ खंडहर दिखाई दे रहे हैं। अपने देश केा बचाने के लिए लड़ रहे यूक्रेनियंस को उम्मीद है कि शायद तबाही का यह मंजर एक बार फिर अच्छे दौर में तब्दील हो जाए। 
 

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खारकीव की प्रसिद्ध इमारतें हवाई हमलों में ध्वस्त हो चुकी हैं। गुरुवार सुबह, दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन शहर के मेयर इगोर कोल्यखेव ने दावा किया कि रूसी सैनिकों ने शहर पर कब्जा कर लिया है। 2.8 लाख आबादी वाले इस शहर में यूक्रेनी सेना नहीं थी, जिस वजह से रूस को यहां कब्जा करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। शहर पर कब्जे के बाद यूक्रेनी नागरिक और बुजुर्ग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। 

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बच्चे, बुजुर्ग और युवा हर वर्ग के लोग इस असमय आए संकट से बेचैन हैं। पड़ोसी देशों की सीमाओं पर भारी भीड़ है। बुजुर्गों की लाइनें मदद की राह देख रही हैं। पल भर में अपने आशियाने उजड़ते देख परिवारों की नींद उड़ी है। बिना कुछ खाए पिए लोग अपनों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में जुटे हैं। नन्हें बच्चों को तो ये भी नहीं पता कि आखिर वे कहां और क्यों जा रहे हैं। 
 

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यूक्रेन के शहर Dnipro में स्थानीय लोग रूसी सैनिकों पर हमला करने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। मोलोटोव कॉकटेल बनाने के लिए वे रेत को थैलों में भर रहे हैं और बोतलें जुटा रहे हैं। यहां रूसी सैनिकों से लड़ने के लिए स्थानीय लोगों ने हथियार उठा लिए हैं। यूक्रेन सरकार ने भी लोगों से युद्ध में आगे आने की अपील की है। 

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जेल में बंद क्रेमलिन के आलोचक नवलनी ने पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण का विरोध करने के लिए रशियन लोगों को जुटाया है। इसके बाद मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में दर्जनों युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। इस तरह के प्रदर्शनों के चलते रूस में अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। 

 

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