सार

चीन में घटती जन्म दर से निपटने के लिए सरकार ने अनोखा कदम उठाया है। प्रसव पीड़ा कम करने वाली दवाओं पर सब्सिडी देकर सरकार माता-पिता को प्रोत्साहित करना चाहती है। क्या यह कदम कारगर साबित होगा?

हाल ही में, चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती घटती जन्म दर बताई जा रही है। अध्ययनों से पता चलता है कि चीन की अधिकांश आबादी बूढ़ी हो रही है और साथ ही जन्म दर में भारी गिरावट आई है। इस संकट से निपटने के लिए चीन सरकार कई योजनाएँ बना और लागू कर रही है। इन योजनाओं के तहत, सरकार अब अस्पतालों में प्रसव के दौरान दर्द कम करने वाली दवाओं पर सब्सिडी दे रही है। अब तक, चीन में इन दवाओं की कीमत बहुत ज़्यादा थी। प्रसव के दौरान इन दवाओं पर निर्भर रहने से परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता था। 

हालांकि, घटती जन्म दर से निपटने के लिए, स्थानीय सरकार ने अब दर्द निवारक दवाओं की कीमतों में भारी कमी की है। देश के दक्षिणी भाग में स्थित द्वीपीय प्रांत हैनान की सरकार ने चिकित्सा बीमा योजनाओं के तहत प्रसव के दौरान वित्तीय बोझ को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं सहित दवाओं पर सब्सिडी देने का फैसला किया है। जन्म के अनुकूल समाज बनाने के उद्देश्य से 20 नवंबर को प्रांत में इस योजना की घोषणा की गई। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक अखबार पीपुल्स डेली ने बताया कि सरकारी अधिकारियों से माता-पिता को प्रसव के दौरान होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उपाय करने को कहा गया है। 

सरकार का निर्देश है कि प्रसव, शिशु देखभाल और शिक्षा की लागत कम की जाए और इससे अधिक लोग बच्चे पैदा करने के लिए तैयार होंगे। 2022 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि चीन में एक तिहाई से भी कम महिलाओं ने ही प्राकृतिक प्रसव के दौरान दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल किया था। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, 1949 के बाद सबसे कम जन्म दर 2023 में दर्ज की गई। जन्म दर घटकर प्रति 1,000 लोगों पर 6.39 हो गई। साथ ही, नवजात शिशुओं की संख्या घटकर 9.02 मिलियन हो गई है।