
लंदन। आमतौर पर किसी के मौत को लेकर दुनिया कोई क्रूर दावे नहीं करती है लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के मरने को लेकर लगातार दावे किए जा रहे हैं। रूस के एक खुफिया अधिकारी ने दावा किया है कि राष्ट्रपति पुतिन तीन साल तक जीवित रह सकते हैं। कैंसर लाइलाज होता जा रहा है। एफएसबी (FSB) के अधिकारी ने बताया कि पुतिन की आंखों की रोशनी कम हो रही है।
रूसी राष्ट्रपति के बारे में यह दावा लगातार उनके स्वास्थ्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच आया है। हालांकि, ऐसी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने राष्ट्रपति पुतिन के बीमार होने की अटकलों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक है, किसी बीमारी की ओर इशारा करने वाले कोई संकेत नहीं हैं।
एफएसबी अधिकारी का दावा बिल्कुल अलग...
इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट में एफएसबी अधिकारी ने ब्रिटेन में रह रहे एक पूर्वी रूसी जासूस बोरिस कार्पिचकोव को मैसेज भेजकर पुतिन के स्वास्थ्य का अपडेट दिया है। अधिकारी के अनुसार पुतिन का कैंसर बढ़ रहा है और वह अधिकतम तीन साल जीवित रहेंगे। उनकी आंखों की रोशनी तेजी से जा रही है। वह सिरदर्द से पीड़ित रह रहे हैं। अक्षरों को पढ़ने या देखने के लिए कागज पर बड़े अक्षरों में लिखकर उनको दिखाया जाता है ताकि वह पढ़ सकें। बड़े-बड़े पन्नों पर कुछ वाक्य ही केवल लिखे होते हैं। यही नहीं उनके अंग भी अनियंत्रित रूप से कांपते रहते हैं।
दरअसल, दावा किया जा रहा है कि किसी बीमारी से पीड़ित होने की वजह से ही पुतिन का कुछ दिनों पहले ऑपरेशन हुआ है। हालांकि, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूसी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य के बारे में अटकलों का खंडन किया। रूस के शीर्ष राजनयिक ने फ्रांस के प्रसारक TF1 के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कोई समझदार व्यक्ति, उनको देखकर किसी बीमारी या बीमारी के लक्षण को नहीं देख सकता है। वह इस अक्तूबर में सत्तर साल के हो जाएंगे। हर रोज वह सार्वजनिक रूप से देखे जाते हैं। उनको स्क्रीन पर देखा जा सकता है, उनके भाषण सुने जा सकते हैं।
यूक्रेन हमले के बाद पुतिन के दुश्मन बढ़े
बीते 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। यूक्रेन के दो हिस्सों को दो स्वतंत्र देशों की मान्यता देते हुए वहां सैन्य अभियान की अनुमति राष्ट्रपति पुतिन ने दी थी। इसके बाद यूक्रेन में युद्ध छिड़ा हुआ है। इस युद्ध से अमेरिका व उसके सहयोगी नाटो देशों ने नाराजगी जताई। अमेरिका सहित अन्य नाटो देश, रूस के खिलाफ यूक्रेन की हर स्तर पर मदद कर रहे हैं। हालांकि, यूक्रेन के समर्थन में दुनिया के शक्तिशाली देशों के उतरने के बाद भी रूस किसी समझौते के मूड में नहीं है। रूस ने शांति वार्ता के लिए कई बार हामी भरी लेकिन बात नहीं बन सकी है।
यूक्रेन युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं, लाखों घर छोड़कर शरणार्थी बन चुके हैं। द्वितीय युद्ध के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है। दुनिया के देशों ने रूस के खिलाफ अभूतपूर्व पश्चिमी प्रतिबंध लगाए हैं।
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