
Harvard University: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर बैन लगाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले पर अमेरिकी अदालत ने रोक लगा दी है। इससे पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इस आदेश के खिलाफ दो मुकदमे दायर किए थे।
23 मई को बोस्टन की अदालत में हार्वर्ड ने कहा कि यह फैसला अमेरिकी संविधान और संघीय कानूनों का उल्लंघन है। साथ ही यह यूनिवर्सिटी और उसके 7,000 से ज्यादा विदेशी छात्रों पर गंभीर असर डालेगा। हार्वर्ड ने कोर्ट में कहा, "सरकार ने एक झटके में हमारे एक चौथाई छात्रों को बाहर करने की कोशिश की है, जबकि ये अंतरराष्ट्रीय छात्र हमारे विश्वविद्यालय और उसके मकसद में अहम योगदान देते हैं।"
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूलों में इस समय 100 से ज्यादा देशों के करीब 6,800 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं। इनमें 1,203 छात्र चीन से और 788 छात्र और शोधार्थी भारत से हैं। हार्वर्ड इंटरनेशनल ऑफिस के मुताबिक, हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र और शोधकर्ता यहां पढ़ाई के लिए आते हैं।
गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम के एक पत्र के अनुसार, जो छात्र इस सेमेस्टर में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, उन्हें स्नातक होने की इजाजत दी जाएगी। लेकिन जिन छात्रों की पढ़ाई अभी बाकी है, उन्हें किसी और विश्वविद्यालय में ट्रांसफर होना पड़ेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो अमेरिका में रहने का उनका कानूनी अधिकार खत्म हो सकता है।
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