अमेरिका में F-16 क्रैश: पल भर में आग का गोला बना 1.7 हजार करोड़ का सबसे हाईटेक सिस्टम-क्यों?

Published : Dec 04, 2025, 12:56 PM IST
US F16 Crash California Pilot Survives Emergency Ejection

सार

Breaking News: अमेरिका में F-16 फाइटर जेट क्रैश! पायलट सुरक्षित बाहर निकला, लेकिन क्या ट्रेनिंग मिशन के दौरान हादसा सामान्य है या छिपा कोई बड़ा राज? F-16 की हाईटेक सुरक्षा ने कैसे बचाई जान?

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया में गुरुवार रात करीब 12:30 बजे एक F-16 फाइटर जेट ट्रेनिंग के दौरान क्रैश हो गया। विमान ट्रॉना शहर के रेगिस्तान में जमीन से केवल तीन किलोमीटर दूर गिरा। हालांकि हादसे से कुछ सेकेंड पहले पायलट इमरजेंसी इजेक्शन सीट और पैराशूट की मदद से सुरक्षित बाहर निकल गया, जिससे उसकी जान बच गई।

ट्रेनिंग मिशन या खतरनाक स्टंट?

हादसे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 6 थंडरबर्ड्स जेट्स ट्रेनिंग के लिए उड़े थे, लेकिन सिर्फ 5 ही वापस लौटे। F-16 हादसा चाइना लेक नेवल एयर वेपन्स स्टेशन के पास हुआ, जो मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल होता है। सोशल मीडिया पर वीडियो में देखा गया कि विमान तेजी से गिरते हुए जमीन से टकराते ही आग और काला धुआं उठता है, और पायलट पैराशूट से सुरक्षित उतरा।

 

 

F-16 क्रैश का असली कारण क्या हो सकता है?

अभी तक अधिकारियों ने क्रैश का साफ कारण नहीं बताया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। F-16 फाइटर जेट की ट्रेनिंग और स्टंट उड़ानें बेहद जोखिम भरी होती हैं। तेज़ स्पीड और अचानक मोड़ के दौरान पायलट के निर्णय की गलती, पुराने विमान की खराबी या इंजीनियरिंग इश्यूज हादसे का कारण बन सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि F-16 का इंजन कभी-कभी अचानक फेल हो जाता है। ऐसे समय में पायलट के पास केवल कुछ सेकेंड रहते हैं। इसी वजह से पायलट की सुरक्षा के लिए F-16 में कई हाईटेक फीचर्स जैसे फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम, इजेक्शन सीट, अलर्ट सिस्टम और मजबूत एयरफ्रेम लगाए गए हैं।

क्या पायलट हमेशा सुरक्षित निकल सकते हैं?

इस घटना में पायलट बच गया, लेकिन 32 साल के इतिहास में F-16 लगभग 750 बार क्रैश हो चुका है। कई बार पायलटों की जान चली गई। उदाहरण के लिए, 2025 में पोलैंड में हुए F-16 क्रैश में पायलट की मौत हो गई थी। 2015 में स्पेन में क्रैश में दो पायलट और जमीन पर मौजूद लोगों की जान गई। हालांकि, नए मॉडल में इमरजेंसी फ्यूल डंप सिस्टम और ऑटोमैटिक आग बुझाने की तकनीक मौजूद है। इससे हादसे के बावजूद जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।

F-16 की ताकत और स्पेसिफिकेशन: क्या इसे समझना जरूरी है?

F-16 को फाइटिंग फाल्कन कहा जाता है। इसकी लंबाई 14.8 मीटर, विंग की लंबाई 9.8 मीटर और वजन 9,936 किलो है। यह 2,400 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है और 4,200 किलोमीटर तक का रेंज है। यह जेट एयर-टू-एयर इंटरसेप्शन, बॉम्बिंग और स्काउटिंग में माहिर है।

F-16 की प्रमुख विशेषताएं:

  • फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम
  • इजेक्शन सीट और पैराशूट
  • अलर्ट सिस्टम (रडार और मिसाइल चेतावनी)
  • सुरक्षित कॉकपिट और G-सूट
  • इमरजेंसी फ्यूल डंप
  • ऑटोमैटिक आग बुझाने का सिस्टम
  • HUD और नाइट विज़न

ये सभी फीचर्स पायलट की सुरक्षा के लिए डिजाइन किए गए हैं।

F-16 की कीमत और हाईटेक फीचर्स

F-16 Fighting Falcon की कीमत लगभग 18.8 मिलियन डॉलर (करीब 1.7 हजार करोड़ रुपए) है। यह जेट थंडरबर्ड्स स्क्वाड्रन का हिस्सा है और एयर शो व स्टंट्स के लिए दुनिया भर में मशहूर है। F-16 में फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम, इमरजेंसी इजेक्शन सीट, अलर्ट सिस्टम, HUD और नाइट विजन जैसे हाईटेक सुरक्षा फीचर्स हैं। इन फीचर्स ने इस हादसे में पायलट की जान बचाई।

F-16 क्रैश होने के कारण क्या हैं?

  • इंजन की खराबी: उड़ान के दौरान अचानक इंजन फेल होना सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
  • पायलट की गलती: तेज़ स्पीड, गलत मोड़ या ट्रेनिंग के दौरान ध्यान न देना हादसे का कारण बन सकता है।
  • ट्रेनिंग और स्टंट उड़ान: जोखिम भरे रूटीन में हादसे की संभावना अधिक रहती है।
  • पुराने विमान: पुराने मॉडल के पार्ट्स घिस चुके होते हैं और रख-रखाव की कमी हादसे का कारण बनती है।

F-16 का इतिहास और ग्लोबल इस्तेमाल

F-16 ने पहली उड़ान 2 फरवरी 1974 को भरी थी। अब तक 4,600+ जेट्स बनाए जा चुके हैं। यह विमान 25+ देशों में इस्तेमाल होता है और इंटरसेप्शन, बॉम्बिंग और स्काउटिंग में माहिर है। 32 साल में लगभग 750 F-16 क्रैश हो चुके हैं, लेकिन ट्रेनिंग और स्टंट उड़ान में हादसे अधिक होते हैं।

 अमेरिका की पेशकश के बावजूद भारत ने क्यो नहीं खरीदा F-16?

अमेरिका ने साल 2000 से भारत को F-16 जेट्स बेचने की कोशिश की, लेकिन भारत ने इसे लेने से मना किया। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान में F-16 की मौजूदगी है। भारत ने सुरक्षा और रणनीतिक कारणों से इसे खरीदने से इंकार किया।

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