
हेल्थ डेस्क : ओमीक्रॉन की दहशत के बीच राहत की सांस देने वाली खबर आई है। अमेरिका एफडीए (FDA) ने बुधवार को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए फाइजर की गोली पैक्सलोविड (Paxlovid) को मंजूरी दे दी है। अब इसका इस्तेमाल 12 साल या उससे ज्यादा के हाई रिस्क वाले लोगों के कोविड इलाज के दौरान किया जाएगा। कहा जा रहा है कि यह दवाई कोरोना से मौत के खतरे को कम करती है। यह कोरोना वायरस के लिए पहला घरेलू उपचार हो सकेगा। हालांकि, अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस टैबलेट को मंजूरी नहीं दी है।
एक बड़े क्लिनिकल ट्रायल में Paxlovid को कोरोना के लक्षणों के शुरू होने के पांच दिनों के अंगर ज्यादा जोखिम वाले गैर-टीकाकरण वाले 2,200 रोगियों को इसका डोज दिया गया। फाइजर ने कहा है कि परीक्षणों में दवा और प्लेसबो के बीच संबंधित प्रतिकूल घटनाएं समान आई हैं। इसके इस्तेमाल से जोखिम वाले लोगों में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को 88 प्रतिशत तक कम कर दिया था।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन सेंटर फॉर ड्रग इवैल्यूएशन एंड रिसर्च की निदेशक पैट्रिजिया कैवाज़ोनी ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'यह कोरोना महामारी में एक महत्वपूर्ण समय में कोविड -19 का मुकाबला करने के लिए एक नया उपकरण प्रदान करता है क्योंकि इस समय इसका नया रूप सामने आ रहा है।'
फाइजर कंपनी ने कहा कि वह यूएस में तत्काल डिलीवरी शुरू करने के लिए तैयार है। इसके लिए 10 मिलियन खुराक के लिए अमेरिकी सरकार ने अनुबंध किया गया है। अमेरिका में फाइजर दवा की कीमत $530 (39,980 रुपये) प्रति कोर्स रखी गई है। दवा लेने के लिए बच्चों का वजन कम से कम 88 पाउंड (40 किलोग्राम) होना चाहिए। कंपनी का कहना है कि 2022 में वो दवाई का प्रोडक्शन 80 मिलियन से बढ़ाकर 120 मिलियन तक करने की तैयारी है। इसके लिए उन्होंने यूके, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के साथ अनुबंध किया है।
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