अमेरिका ने भारत-पाक संघर्ष में क्या भूमिका निभाई? रूबियो ने ट्रंप के 70 बार के दावे की बताई कहानी

Published : Dec 20, 2025, 11:53 AM IST
 us india pakistan conflict trump rubio diplomacy peace efforts 2025

सार

क्या अमेरिका सच में भारत-पाकिस्तान तनाव को रोकने में शामिल था? रूबियो के खुलासे में ट्रंप की शांति रणनीति और ऑपरेशन सिंदूर का रहस्य उजागर, लेकिन क्या ये सिर्फ दिखावा है या वास्तविक शांति प्रयास? पढ़ें पूरी जानकारी।

US Foreign Policy India Pakistan Marco Rubio Statement: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने साल के आखिरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि अमेरिका ने इस साल भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभाई। रूबियो के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति स्थापना को अपनी प्राथमिकता बनाया और इसे लेकर उन्होंने कई बार दावा किया कि उन्होंने कई देशों के साथ मिलकर विवादों को रोका। लेकिन क्या सच में अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने में मदद की, या यह सिर्फ दावे हैं? रूबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिका दुनिया भर में ऐसे संघर्षों में शामिल है जो शायद अमेरिका की रोज़मर्रा की जिंदगी के लिए केंद्रीय नहीं हैं। इसका मतलब यह है कि अमेरिका केवल अपने देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति स्थापित करने के लिए भी कई देशों में सक्रिय है।

ट्रंप ने कितनी बार भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोका?

रूबियो ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का दावा लगभग 70 बार दोहरा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार अमेरिका को ऐसी स्थिति में देखा गया जो अन्य देशों के लिए संभव नहीं थी। ट्रंप ने इस भूमिका को लेकर गर्व जताया और इसे अपने शांति प्रयासों की सफलता बताया।

 

 

ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के जवाब में किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। इस हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई। चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमले जारी रहे। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने संघर्ष समाप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुँच कर सीमा विवाद को शांत किया। लेकिन क्या इस दौरान अमेरिका का कोई हस्तक्षेप हुआ? रूबियो ने कहा कि अमेरिका ने इस प्रक्रिया में सहयोगी की भूमिका निभाई, ताकि तनाव को बढ़ने से रोका जा सके।

क्या अमेरिका ने चीन और जापान के साथ भी सहयोग किया?

रूबियो ने चीन और जापान के सवाल पर कहा कि अमेरिका को इस क्षेत्र में संतुलन बनाए रखना होगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका जापान के साथ अपनी मजबूत साझेदारी बनाए रखना चाहता है, और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भी प्रोडक्टिव तरीके से काम करना चाहता है। रूबियो ने यह भी कहा कि चीन भविष्य में अमीर और शक्तिशाली रहेगा और जियोपॉलिटिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अमेरिका और उसके साथी देशों को मिलकर ऐसे मुद्दों पर काम करना होगा ताकि शांति बनी रहे।

पाकिस्तान की भूमिका कितनी अहम है?

रूबियो ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान से इस बात पर चर्चा की कि वे शांति स्थापना में शामिल होंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस प्रयास में हिस्सा लेने का ऑफर दिया, या कम से कम विचार करने का ऑफर दिया। लेकिन अमेरिका को आगे कोई पक्का कदम उठाने से पहले पाकिस्तान से और जवाब लेने होंगे।

अमेरिकी शांति प्रयासों का भविष्य

रूबियो ने बताया कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने साथी देशों के साथ अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखना चाहता है। इसमें भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। अमेरिका का उद्देश्य है कि वैश्विक शांति में किसी भी तरह की कमजोरी या खतरा न आए।

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

एपस्टीन फाइल्स का नया खुलासा: प्रिंस एंड्रयू और बिल क्लिंटन की ये विवादित तस्वीरें
क्या दंगाइयों को फ्री हैंड किया गया? बांग्लादेश में हिंसा, सत्ता और साजिश की पूरी कहानी