अमेरीका की बिगड़ी की अर्थव्यवस्था को देखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीयों के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने H1-B वीजा निलंबित करने की घोषणा की है। इससे भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल्स को बड़ा झटका लगा है।
वॉशिंगटन. अमेरीका की बिगड़ी की अर्थव्यवस्था को देखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीयों के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने H1-B वीजा निलंबित करने की घोषणा की है। इससे भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल्स को बड़ा झटका लगा है। ये सस्पेंशन इस साल के आखिरी तक वैलिड रहेगा। ट्रंर प्रशासन के मुताबिक, ये फैसला अमेरिकी श्रमिकों के हित के लिए लिया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कही ये बात
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि यह कदम उन अमेरिकियों की मदद करने के लिए आवश्यक था, जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट के कारण अपनी नौकरी खो दी है। नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों से पहले ये ऐलान करते हुए ट्रंप ने विभिन्न व्यापारिक संगठनों, कानूनविदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के बढ़ते विरोध की अनदेखी की है। ये निलंबन 24 जून से लागू होगा। इससे बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवरों के प्रभावित होने की संभावना है। अब उन्हें स्टैम्पिंग से पहले कम से कम साल के अंत तक इंतजार करना होगा। यह बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगा जो अपने एच-1 बी वीजा को रिन्यू कराना चाहते थे।
गूगल सीईओ ने कही ये बात
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रवासियों ने अमेरिकी को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद की और देश को तकनीक के क्षेत्र में अव्वल बनाया। उन्होंने कहा कि प्रवासी कर्मचारियों की वजह से ही गूगल आज इस मुकाम पर है। वो सरकार के इमिग्रेशन से जुड़े फैसलों से निराश हैं। वो प्रवासियों के साथ खड़े रहेंगे और प्रवासियों को हर तरह के मौके दिलाने के लिए काम करते रहेंगे।
करीब ढाई लाख भारतीयों को लग सकता है धक्का
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले 2.4 लाख लोगों को धक्का लग सकता है। बता दें कि अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी कामगारों को मिलने वाले वीजा को एच-1 बी वीजा कहते हैं। इस वीजा को एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है।
क्या है एच-1बी वीजा?
एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को यह वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है, जिनकी अमेरिका में कमी हो। इस वीजा की वैलिडिटी 6 साल की होती है। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स इस वीजा को सबसे अधिक हासिल करते हैं।