
नई दिल्ली. कोरोना काल के बीच इस साल के सबसे बड़े दिन आज यानी 21 जून को सूर्य ग्रहण खत्म हो चुका है। 25 साल बाद ये पहला मौका है जब वलायाकार यानी की अंगूठी या फिर कंगन के आकार में दिखने वाला सूर्य ग्रहण लगने लगा। इस दौरान सूर्य पूरी तरह से ढक गया और उसके घेरे की ओर वो एक चमकती अंगूठी की तरह दिखा। इससे पहले 1995 में इस तरह का ग्रहण देखा गया था। ये सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 09.15 बजे से शुरू होकर दोपहर 03.04 मिनट पर खत्म हुआ। इस सूर्य ग्रहण में सूर्य 98.6% ढक गया था। जिससे ये कंगन जैसी आकृति का दिखाई दिया या फिर कह सकते हैं 'रिंग ऑफ फायर'।
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दिल्ली में बादलों में छुपा सूरज।
काठमांडू चांद के आकार का दिखा सूरज।
पंजाब के अमृतसर में दिखा ऐसा नजारा।
पाकिस्तान में हुआ अंधेरा।
देहरादून में आसमान का नजारा।
सूर्य ग्रहण के बाद दुबई छाया अंधेरा।
हरियाणा में चमकता हुआ दिखा सूर्य।
राजस्थान के जयपुर में सूर्य ग्रहण के बाद का नजारा।
सूर्य ग्रहण के बाद गुजरात के गांधी नगर में ऐसा है आसमान का नजारा।
महाराष्ट्र में ऐसे दिखा सूर्य।
सूर्य ग्रहण से कुछ देर पहले राजधानी दिल्ली का नजारा।
सूर्य ग्रहण के बाद जम्मू कश्मीर का नाजार।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी आज सभी मंदिर सर्य ग्रहण के कारण किए गए बंद।
सूर्य ग्रहण के कारण मध्यप्रदेश में भी मंदिर शाम तक हुए बंद।
लखनऊ में शाम 4 बजे तक मंदिर बंद।
कहां और कितने बजे लगेगा ग्रहण
सबसे पहले मुंबई और पुणे में ग्रहण 10.01 बजे से दिखना शुरू होगा। गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में 10.03 बजे से दिखना शुरू होगा। अन्य देशों में ये ग्रहण पूरी तरह 3.04 बजे खत्म होगा। ये देश में कई जगहों पर खंडग्रास (आंशिक) सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। भारत के अलावा ये ग्रहण नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया और कांगो में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान ना करें ये काम
ज्योतिषियों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की घटना को देखने से बचना चाहिए। हो सके तो ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें। अगर आप ग्रहण देखती हैं तो गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक या मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहिए। हालांकि, ग्रहण का यह नियम बच्चों, बीमार लोगों और बुजुर्गों पर लागू नहीं होता।
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