सार

शी जिनपिंग और जो बाइडेन ने पेरू में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर AI के नियंत्रण को लेकर चिंता जताई और मानवीय फैसले की जरूरत पर बल दिया। चीन ने नए अमेरिकी प्रशासन के साथ काम करने की इच्छा जताई।

वर्ल्ड डेस्क। पेरू में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात हुई है। जिनपिंग ने कहा है कि चीन नए अमेरिकी प्रशासन के साथ काम करने के लिए तैयार है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच परमाणु हथियारों को लेकर भी बात हुई। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का फैसला इंसानों द्वारा लिया जाना चाहिए, AI द्वारा नहीं।

रक्षा क्षेत्र में जिम्मेदारी से हो AI का इस्तेमाल

व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने संभावित जोखिमों का सावधानीपूर्वक आकलन करने और रक्षा क्षेत्र में AI टेक्नोलॉजी को जिम्मेदारी से विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के फैसले पर इंसान का कंट्रोल बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया गया।

चीन के पास हैं 500 परमाणु हथियार

बता दें कि परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में अमेरिका और रूस के बाद चीन का स्थान है। चीन तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार चीन के पास 500 एक्टिव परमाणु हथियार हैं। 2030 तक उसके पास 1,000 से अधिक हथियार हो सकते हैं। इससे अमेरिका को चिंता है। रविवार की चर्चा इन चिंताओं को दूर करने की दिशा में दोनों देशों के बीच अपनी तरह का पहला कदम है।

डोनाल्ड ट्रम्प के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है चीन

चीन ने बाइडेन के साथ परमाणु हथियारों को लेकर शी जिनपिंग की बातचीत के बारे में टिप्पणी नहीं की है। बाइडेन और शी ने अमेरिका-चीन संबंध को स्थिर संबंध बनाए रखने के वैश्विक महत्व पर बात की। डोनाल्ड ट्रम्प नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। वह अपनी "अमेरिका पहले" नीतियों के लिए जाने जाते हैं। शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन आने वाले प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।

शी ने कहा, "जब दोनों देश एक-दूसरे के साथ साझेदार और मित्र की तरह व्यवहार करेंगे, मतभेदों को दूर रखते हुए समान आधार तलाशेंगे और एक-दूसरे की सफलता में मदद करेंगे तो हमारे रिश्ते में काफी प्रगति होगी। अगर हम एक-दूसरे को विरोधी मानते हैं, प्रतिस्पर्धा करते हैं और एक-दूसरे को चोट पहुंचाने की कोशिश करते हैं तो हम रिश्ते को बिगाड़ देंगे।"

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