वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential elections) हो रहे हैं। मुकाबला डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा रिपब्लिकन प्रत्याशी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच है। मतदान 5 नवंबर (अमेरिकी समय अनुसार) को शुरू होगा। मतदान से लेकर अगले राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण तक अमेरिका में चुनाव की जटिल प्रक्रिया है। इसे पूरा होने में करीब तीन महीने लगते हैं।
5 नवंबर- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा।
6 नवंबर से 11 दिसंबर: वोटों की गिनती होगी और रिजल्ट घोषित होंगे। यह प्रक्रिया राज्य कानूनों के अनुसार अलग-अलग होती है। रिजल्ट का प्रमाणीकरण काउंटी और राज्य दोनों स्तरों पर हो सकता है। सभी राज्यों को 11 दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
17 दिसंबर: अमेरिका में आम लोग सीधे राष्ट्रपति नहीं चुनते। वे निर्वाचक मंडल के सदस्यों का चुनाव करते हैं। 17 दिसंबर को निर्वाचक मंडल के सदस्य अपने-अपने राज्यों में आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए वोट डालेंगे। इन वोटों के प्रमाण पत्र दिसंबर के चौथे बुधवार तक अमेरिकी सीनेट के अध्यक्ष को प्रस्तुत किए जाएंगे। यह इस साल क्रिसमस पर पड़ता है।
3 जनवरी: कांग्रेस के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों और सीनेटरों का शपथ ग्रहण होगा। इस समय तक वोट प्रमाणपत्र भी कांग्रेस को सौंप दिए जाएंगे।
6 जनवरी: इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती के लिए कांग्रेस का विशेष संयुक्त सत्र बुलाया जाएगा। जिस उम्मीदवार को 270 या उससे ज्यादा वोट मिलेंगे उसे राष्ट्रपति चुना जाएगा। यही नियम उप-राष्ट्रपति पद के लिए भी लागू होता है। इसी दिन पता चलेगा कि कौन अगला अमेरिकी राष्ट्रपति होगा।
20 जनवरी: जो उम्मीदवार सबसे ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीतेगा उसे दोपहर 12 बजे (वाशिंगटन समय) राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी। उसका चार साल का कार्यकाल इसी दिन से शुरू होगा। नए उपराष्ट्रपति को भी शपथ दिलाई जाएगी।
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