काबुल एयरपोर्ट में अमेरिका सेना की इंसानियत, लोगों की जान बचाने के लिए लेफ्टिनेंट तोड़ दिए सारे नियम

अफगानिस्तान से लोग भाग रहे हैं, वहीं, तालिबानी लड़ाके काबुल एयरपोर्ट में लोगों को पहुंचने से रोक रहे हैं। लेकिन अमेरिकी सेना लोगों को उनके स्थान पर पहुंचने में भरपूर मदद कर रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2021 3:43 PM IST

काबुल. काबुल एयरपोर्ट को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान से लोग भाग रहे हैं, वहीं, तालिबानी लड़ाके काबुल एयरपोर्ट में लोगों को पहुंचने से रोक रहे हैं। लेकिन अमेरिकी सेना लोगों को उनके स्थान पर पहुंचने में भरपूर मदद कर रही है। अमेरिकी सेना लोगों की जान बचाने के लिए नियम कानून को दरकिनार करके सबसे पहले इंसानियत का सबूत दे रही है।

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US एयरफोर्स के इन सैनिकों ने CNN को बताया करते हुए बताया कि प्लेन की कैपेसिटी 640 लोगों को रेस्क्यू करने की थी, लेकिन वहां लोगों की हालत देखकर 823 लोगों को साथ ले जाने का फैसला किया। लेफ्टिनेंट कर्नल एरिक कुट ने बताया कि उस समय उन्हें सिर्फ लोगों की जान बचाने की फिक्र है। उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं बच्चों को साथ ले जाने की मदद मांग रहीं थी उनकी परेशानी देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने प्लेन में सभी को भेजने का फैसला किया।

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डॉक्यूमेंट चेक करने से ज्यादा फोकस जान बचाने में
एरिक ने कहा कि उनकी इच्छा लोगों के डॉक्यूमेंट देखने से ज्यादा उनकी जान बचाने में है। इसलिए उन्होंने फौरन क्षमता से ज्यादा लोगों को एयरपोर्ट रेस्क्यू करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि जब आपके आसपास महिलाएं और बच्चों का जीवन दांव पर लगा हो तो आप यह नहीं देखते कि नियम क्या हैं और आपकी क्षमता कितनी है।

सोशल मीडिया में वायरल हुई तस्वीर
अमेरिकी एयरफोर्स ने काबुल से पिछले रविवार को 823 लोगों को C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट के जरिए रेस्क्यू किया था। जितने लोगों को रेस्क्यू किया जाना था, ये उससे 183 ज्यादा थे। उस समय 183 बच्चों की गिनती नहीं की गई थी, जिन्हें अमेरिकी एयरफोर्स के जवान साथ ले आए थे। अब ये तस्वीर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है। 

हिन्दू और सिख को भेजा वापस
वहीं, दूसरी तरफ शनिवार को तालिबान ने शनिवार को भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान में सवार होने आ रहे 70 अफगान सिखों और हिंदुओं की एक टुकड़ी को रोक दिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्हें काबुल एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया है। तलिबान ने कहा कि वो लोग अफगानी हैं और देश नहीं छोड़ नहीं सकते हैं।  
 

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