
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल को हुए घातक आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं तेज़ हो गई हैं। इस हमले में 26 टूरिस्टों को मौत के घाट उतार दिया गया और कई गंभीर रूप से घायल हुए। दुनिया के अधिकतर देश इस हमले की निंदा कर रहे हैं। अमेरिका ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत को हर स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक तुलसी गेबार्ड (Tulsi Gabbard) ने इस हमले को ‘इस्लामी आतंकवाद’ करार देते हुए कहा कि हम भारत के साथ एकजुटता में खड़े हैं। पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले इस भयावह आतंकी हमले के खिलाफ हम भारत की हरसंभव सहायता करेंगे। मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं पीएम मोदी और भारत के सभी लोगों के साथ हैं।
US-India Caucus के को-चेयर रो खन्ना (Ro Khanna) और रिच मैककॉर्मिक (Rich McCormick) ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अमेरिका और भारत के बीच खुफिया साझेदारी (Intelligence Sharing) को और मज़बूत किया जाना चाहिए। उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) जैसे संगठनों को निशाना बनाकर संयुक्त ऑपरेशन, रीयल-टाइम डेटा एक्सचेंज और सैटेलाइट मॉनिटरिंग की वकालत की। दोनों नेताओं ने कहा कि एडवांस टेक्नोलॉजी, खासकर सैटेलाइट सर्विलांस, के ज़रिए छिपे हुए आतंकी ठिकानों और हथियारों के भंडार को उजागर कर आगामी हमलों को रोका जा सकता है।
हमले के बाद जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत-पाक तनाव पर सवाल पूछा, तो US State Department की प्रवक्ता टैमी ब्रूस (Tammy Bruce) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। राष्ट्रपति और विदेश मंत्री पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। हमले के अगले दिन, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी पीएम मोदी को समर्थन देते हुए कहा कि अमेरिका भारत के साथ है और आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में पूरी मदद देगा।
पहाड़ों के बीच बसे बाइसारन (Baisaran) घास के मैदान में टूरिस्टों को निशाना बनाकर किया गया यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। उस समय 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
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