
US vs China Military Power : दुनिया की दो सुपरपावर अमेरिका और चीन (America vs China) इन दिनों टैरिफ को लेकर ट्रेड वॉर पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के टैरिफ के जवाब में चीन ने उस पर 34% का टैरिफ लगाया है। इसके बाद सोमवार, 7 अप्रैल को ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया टैरिफ वापस नहीं लेता है तो उस पर बुधवार, 9 अप्रैल से 50% एक्स्ट्रा टैरिफ लागू होगा। बीजिंग का कहना है कि वह इस ब्लैकमेलिंग रवैये को कभी भी स्वीकार नहीं करने वाला है। इन दोनों देशों के बीच चल रहे टैरिफ वॉर से दुनियाभर में हलचल है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर यूएस और चीन दोनों की सेनाएं आमने-सामने भिड़ जाए तो कौन भारी पड़ेगा? आइए जानते हैं दोनों की मिलिट्री पॉवर...
ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका का मिलिट्री पॉवर में कोई मुकाबला नहीं है। उसकी सेना दुनिया में सबसे ताकतवर है। पॉवर इंडेक्स में उसे 0.0744 अंक मिले हैं। दुनिया के किसी देश के लिए अमेरिकी मिलिट्री से लड़ पाना आसान नहीं है। चाहे बात एयरफोर्स की हो या आर्मी की, अमेरिका इसमें नंबर-1 है।
आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी सेना में 1,403,200 जवान हैं। अमेरिकन एयरफोर्स में 701,319 जवान और नेवी में 600,000 लाख से ज्यादा सैनिक हैं। अमेरिका के पास 13,000 से ज्यादा एयरक्राफ्ट, 1,790 फाइटर जेट्स और 5,000 से ज्यादा हेलीकॉप्टर हैं। इसके अलावा अमेरिका एक परमाणु ताकत वाला देश है। उसकी आर्मी के पास दुनिया में सबसे हाईटेक और पॉवरफुल हथियार है।
ग्लोबल पॉवर इंडेक्स में चीन की सेना दुनिया में तीसरे नंबर पर है। उसे 0.0788 अंक मिले हैं। ड्रैगन आर्मी के पास 2,545,000 जवान, एयरफोर्स में 400,000 से ज्यादा सैनिक और नौसेना में 380,000 जवान हैं। चीनी एयरफोर्स के पास 3,000 से ज्यादा एयरक्राफ्ट, 1,212 फाइटर जेट, 281 अटैक हेलीकॉप्टर है। चीन भी परमाणु शक्ति संपन्न देश है और उसकी सेना के पास भी काफी हाईटेक हथियार हैं।
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका हो या चीन दोनों ही बेहद ताकतवर देश हैं। दोनों के बीच जंग होना आसान नहीं है। हालांकि, ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है, जिसका असर पूरी दुनिया में होगा। अगर कभी ऐसी नौबत आती है कि दोनों देश युद्ध के मुहाने पर आ जाए तो ये सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं होगी, बल्कि पूरी दुनिया की दिशा बदल सकती है। हो सकता है कि इस युद्ध से दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर आ जाए।
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