
बीजिंग. चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता ही चला रहा है। इसी बीच अमेरिकी फाइटर जेट और जासूसी विमानों ने चीन के आसमान में भी दस्तक दे डाली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी विमानों ने चीन के शंघाई शहर से सिर्फ 76.5 किमी दूर तक उड़ान भरी। अमेरिका के इस कदम के बाद चीन भी दहशत में आ गया। चीन ने अमेरिका के इस कदम को उकसावे वाली हरकत बताया। चीन ने धमकी देते हुए कहा, इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे।
पेकिंग यूनिवर्सिटी के थिंक टैंक साउथ चाइना सी स्ट्रैटीजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनिशिएटिव (SCSPI) ने दावा किया है कि रविवार को अमेरिका के P-8A और EP-3 ने साउथ चाइना सी से ताइवान में दाखिल हुआ। यहां से चीन के झेजियांग और फुजियान तक उड़ान भरी। कुछ देर बाद P-8A लौट आया, हालांकि जासूसी विमान EP-3 शंघाई से 76.5 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरता रहा।
अमेरिका ने वॉरशिप भी कर रखे तैनात
हाल के सालों में पहली बार अमेरिका का कोई विमान चीन के इतने पास पहुंचा है। माना जा रहा है कि अमेरिका ने पूरे प्लान के तहत इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि जिस वक्त अमेरिका विमान चीनी आकाश में उड़ान भर रहे थे, उस वक्त वॉरशिप यूएसएस राफेल पेराल्टा भी उनके संपर्क में था। यानी अगर चीन कोई हरकत करता तो अमेरिका तुरंत उसे जवाब दे सकता था।
कितने खतरनाक हैं ये विमान
P-8A और EP-3 दोनों ही काफी घातक विमान माने जाते हैं। चीन के पास इनकी टक्कर का कोई विमान नहीं है। P-8A के दो मॉडल हैं, एक जासूसी का काम करता है और दूसरा सर्विलांस करके रात हो या दिन किसी भी वक्त हमला भी कर सकता है। यह विमान समुद्र में दुश्मन की सबमरीन को खोज निकालने के बाद उन्हें चंद सेकंड में तबाह भी कर सकता है। इस विमान में छोटी न्यूक्लियर मिसाइलें भी लगी हैं।
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