संयुक्त राष्ट्र के 12 रूसी राजनयिकों को अमेरिका ने किया देश से निष्कासित, रूस बोला-यह बुरी खबर है...

एक रूसी राजनयिक स्रोत के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन में लगभग 100 कर्मचारी हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में एक अलग ब्रीफिंग में कहा कि उनके पास "मेरे सामने" कोई विवरण नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि इस पर आज के बाद में कहने के लिए हमारे पास और कुछ होगा।

न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में रूस के राजनयिक मिशन (Russia Diplomatic mission) के 12 सदस्यों को अमेरिका छोड़ने का आदेश दे दिया गया है। विश्व निकाय में रूस के राजदूत ने बताया कि 7 मार्च तक संयुक्त राज्य छोड़ने का आदेश दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने कहा कि उन्हें निष्कासन के बारे में अभी पता चला है। हालांकि, अमेरिका का विदेश विभाग इस संबंध में कोई टिप्पणी करने से बच रहा है। 

यह बुरी खबर है...

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न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से नेबेंजिया ने कहा कि यह बुरी खबर है। उन्होंने कहा कि क्यों देश छोड़ने को कहा गया है यह पता नहीं है। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दिए गए किसी भी कारण को रिले नहीं किया या यह कदम रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से जुड़ा था या नहीं।

विदेश मंत्रालय के पास कोई विवरण नहीं

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में एक अलग ब्रीफिंग में कहा कि उनके पास "मेरे सामने" कोई विवरण नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि इस पर आज के बाद में कहने के लिए हमारे पास और कुछ होगा। एक रूसी राजनयिक स्रोत के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन में लगभग 100 कर्मचारी हैं।

यह भी पढ़ें: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद UNSC ने UNGA में स्पेशल इमरजेंसी मीटिंग, 4 दशक में पहली बार बुलाई बैठक

यूक्रेन पर हमले के बाद लगे प्रतिबंध

यूरोपीय यूनियन ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इसके तहत स्विफ्ट ग्लोबल पेमेंट सिस्टम से रूस को बाहर कर दिया गया है। इससे कुछ रूसी बैंक दुनियाभर में बैंकिंग प्रणाली को नहीं चला पाएंगी। रूसी आयात और निर्यात भी प्रभावित होगा। इससे वैश्विक पहचान बना चुकीं रूसी कंपनियां दहशत में हैं। शेयर मार्केट 40 प्रतिशत तक गिर गया है। लगातार गिरती अर्थव्यवस्था युद्ध के लिए भी रूस को कमजोर बना रही है। बताया जाता है कि युद्ध शुरू होने से पहले ही रूसी कंपनियों को नुकसान होना शुरू हो गया था। इस वजह से वहां का शेयर मार्केट गिरना जारी था। युद्ध के बाद इसमें और कमी आ गई है। 

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