आजरबैजान के प्राचीन अग्नि मंदिर गए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, जानिए क्यों खास है यह मंदिर

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू यहां अग्निमंदिर गये जो भारत और आजरबैजान के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विनिमय का उदाहरण है। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि नायडू ने इस आतिशगाह मंदिर में बच्चों को आजरबैजान के पारंपरिक परिधान में देखकर खुशी व्यक्त की।

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2019 11:55 AM IST / Updated: Oct 26 2019, 05:27 PM IST

बाकू. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू यहां अग्निमंदिर गये जो भारत और आजरबैजान के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विनिमय का उदाहरण है। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि नायडू ने इस आतिशगाह मंदिर में बच्चों को आजरबैजान के पारंपरिक परिधान में देखकर खुशी व्यक्त की। आतिशगाह आग के लिए पारसी शब्द आतिश से बना है।

ट्वीट में जाहिर की खुशी 
उपराष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘आज आजरबैजान के बाकू में आतिशगाह अग्निमंदिर जाकर बड़ी खुशी हुई। यह मंदिर दोनों देशों के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विनिमय का बहुत अच्छा उदाहरण है। अठारहवीं सदी के इस स्मारक की दीवारों पर देवनागरी और गुरमुखी लिपि में अभिलेख लिखे हैं।’’

मंदिर में दर्शन के बाद भारत के लिए रवाना हुए नायडू  
यह मंदिर उस व्यापारिक संबंध और आतिथ्य का जीता जागता सबूत है जो यूरोप जाने के रेशम मार्ग पर भारतीय व्यापारियों को आजरबैजान के बाकू और गांजा जैसे शहरों में मिलता था। इस मंदिर में जाने के बाद नायडू नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये। वह गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आये थे। यह सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ था। उपराष्ट्रपति भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के इस 18 वें सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय वक्तव्य दिया और विभिन्न नेताओं के साथ परस्पर हित के मुद्दों पर चर्चा की।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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