बीजेपी ने हाल ही में पैगंबर मुहम्मद पर कथित कमेंट को लेकर प्रवक्त नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को पार्टी से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। नूपुर शर्मा के कमेंट को लेकर कई खाड़ी देशों ने भी विरोध जताया है। हालांकि, खुद उनके यहां कितनी धार्मिक आजादी है आप खुद ही देख लीजिए।
नई दिल्ली। बीजेपी ने हाल ही में पैगंबर मुहम्मद पर कथित कमेंट को लेकर प्रवक्त नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को पार्टी से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, नूपुर शर्मा को लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी विरोध शुरू कर दिया था और इसको लेकर ही 3 जून को कानपुर में हिंसा भी हुई। यहां तक कि कई खाड़ी देशों ने भारतीय राजदूत को तलब कर विरोध भी जताया। इसके साथ ही कई देशों ने भारतीय प्रोडक्ट्स का भी बायकॉट किया। विरोध करने वाले देशों में सबसे आगे कतर और कुवैत हैं। धार्मिकि आजादी को लेकर भारत पर उंगली उठाने वाले इन खाड़ी देशों में आखिर लोगों को कितनी आजादी है। आइए जानते हैं।
कतर में शरिया कानून :
पश्चिमी एशिया का एक छोटा सा देश कतर, जिसकी आबादी करीब 30 लाख है। कतर में शरिया कानून चलता है। यहां ज्यादातर लोग सुन्नी मुस्लिम हैं। कतर में इस्लाम ही मुख्य मजहब है। शरियत के हिसाब से ही यहां बेहद कड़े नियमों को फॉलो किया जाता है। यहां ईशनिंदा को लेकर भी सख्त कानून है और उसी के मुताबिक सजा का प्रावधान है। कतर में शराब, ड्रग्स के सार्वजनिक इस्तेमाल पर पाबंदी है। इसके अलावा महिलाओं को लेकर भी बेहद कड़े नियम हैं। कतर में पोर्नोग्राफी, समलैंगिक संबंध और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयस को लेकर भी कड़ी सजा दी जाती है।
कुवैत में शरिया कानून के तहत सख्त सजा :
खाड़ी देश कुवैत की आबादी करीब 50 लाख है। यहां का ऑफिशियल मजहब भी इस्लाम है। कुवैत में भी शरिया कानून लागू है, जिसका उल्लंघन करने पर सख्त सजा दी जाती है। इसके अलावा यहां औरतों को शरिया कानून के दायरे में ही रखा जाता है। अगर कोई महिला इन कानून को तोड़ती है तो उसे शरिया के हिसाब से ही सजा दी जाती है।
शरिया में मिलती है ऐसी सजाएं :
शरिया कानून में दो तरह के क्राइम होते हैं। एक को हद कहते हैं और दूसरी को तजीर। हद में बेहद गंभीर अपराधों को शामिल किया जाता है और इसमें सीधे सजा दी जाती है। वहीं तजीर में जज के फैसले के मुताबिक सजा दी जाती है। हद क्राइम में चोरी की सजा में हाथ काट दिए जाते हैं। इसी तरह यौन अपराध (सेक्शुअल क्राइम) में पत्थर मार कर मौत की सजा दी जाती है।
क्या है शरिया कानून ?
शरिया एक इस्लामिक कानून है। इसमें कुरान, हदीस और पैगंबर मोहम्मद की सुन्नतों पर बेस्ड बातों को कानूनी तौर पर शामिल किया गया है। शरिया एक तरह से इस्लामी मान्यताओं, परंपराओं और कानूनी तौर-तरीकों के हिसाब से जिंदगी जीने का एक तरीका है। जैसे भारत में सजा आईपीसी और सीआरपीसी के तरत होती है, लेकिन जिन देशों में शरिया कानून लागू हैं वहां इसके हिसाब से ही सजा दी जाती है।
अभी कितने देशों में लागू है?
फिलहाल शरिया कानून दुनिया के 15 से भी ज्यादा देशों में किसी न किसी रूप में लागू है। अलग-अलग देशों में शरिया कानून तरीका अलग-अलग है। कुछ देशों में जहां ये केवल निजी मामलों में ही लागू होता है तो कुछ देशों में इसे क्रिमिनल मामलों में भी लागू किया जाता है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के मुताबिक, शरिया कानून जिन देशों में लागू है उनमें मिस्र, इराक, बहरीन, ईरान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सूडान, सउदी अरब, यमन, मालदीव, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और कुवैत शामिल हैं। इन सभी देशों में किसी न किसी रूप में शरिया लागू है।
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