Indian Ocean Tsunami Warning: क्या होती है सुनामी? आखिर क्यों हिंद महासागर में जारी किया गया अलर्ट

दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित देश ईस्ट तिमोर में शुक्रवार सुबह भूकंप के तगड़े झटके लगे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। इसके बाद से एक्सपर्ट ने हिंद महासागर में सुनामी को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। 

indian ocean tsunami warning: साउथ-ईस्टर्न एशियाई देश ईस्ट तिमोर में शुक्रवार सुबह भूकंप के तगड़े झटके आए। रिक्टर स्केल पर यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद से ही हिंद महासागर में सुनामी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ने हिंद महासागर में सुनामी की चेतावनी जारी की है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS)की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार सुबह आए भूकंप के चलते हिंद महासागर में सुनामी आ सकती है। बता दें कि ईस्ट तिमोर एशिया पैसिफिक रीजन के रिंग ऑफ फायर में आता है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। 

आखिर क्या है सुनामी?
सुनामी जापानी शब्द है, जो सु+नामी से मिल कर बना है। सु का अर्थ समुद्र तट और नामी का मतलब है लहरें। कहने का सीधा मतलब है कि समुद्र के किनारे आने वाली लहरें। दरअसल, समुद्र के अंदर जब भूगर्भीय हलचल होती है या भूकंप आता है तो उसकी वजह से उसमें तेज लहरें उठती हैं। ये लहरें कई बार बहुत ऊंची होती हैं, जो तेती के साथ समुद्री किनारे की ओर बढ़ती हैं। इसे ही सुनामी कहते हैं। 

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क्यों आती है सुनामी ?
सुनामी आने की कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण भूकंप है। समुद्र के भीतर भूकंप आने की वजह से ही सुनामी आती है। इसके अलावा  बार समुद्र के अंदर जमीन धंसने, ज्वालामुखी फटने या फिर किसी दूसरी भूगर्भीय हलचल की वजह से भी सुनामी आती है। कई बार उल्का पिंडों के समुद्र में गिरने से भी सुनामी जैसी लहरें बनती हैं।

सुनामी की संभावना सबसे ज्यादा कब ?
सुनामी आने की संभावना तब सबसे ज्यादा होती है, जब भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर या उसके आसपास होता है। सुनामी लहरें तेजी से समुद्र तट की तरफ बढ़ती हैं, जिससे ये कई बार अपने रास्ते में आने वाली बड़ी-बड़ी इमारतों और जहाजों को भी बहा ले जाती हैं। भूकंप का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि वो कब आएगा, लेकिन भूकंप के बाद सुनामी को लेकर चेतावनी जरूर जारी की जा सकती है। 

क्या होता है रिंग ऑफ फायर?
रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) उस जगह को कहते हैं, जहां भूकंप और ज्वालामुखी से जुड़ी गतिविधियां होती रहती हैं। दुनिया के 75% से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं। रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के चारों ओर विस्तृत ज्वालामुखीय व भूकम्पीय श्रृंखला है, इसी वजह से इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं। रिंग ऑफ फायर धरती की लिथोस्फेरिक प्लेट्स की हलचल और टकराव की वजह से बना है। इंडोनिशिया में करीब 129 सक्रिय ज्वालामुखी हैं और ये द्वीप रिंग ऑफ फायर पर ही बसा है। केलुद और मेरापी यहां के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जो कि जावा द्वीप पर स्थित हैं।

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