
Who are alawites: सीरिया में बशर अल-असद (Bashar al-Assad) की सत्ता खत्म होने के बाद अलावी (Alawites) समुदाय पर कहर बरप रहा है। कभी सीरिया की सत्ता में मजबूत पकड़ रखने वाला अलावी समुदाय अब एक-एक सांस का मोहताज हो चुका है। बदले की आग में अलावी पर कहर बरपाया जा रहा। कम से कम एक हजार अलावी समुदाय (Alawites) के लोगों को सीरिया में मौत के घाट उतारा जा चुका है।
यूके बेस्ड सीरियाई आब्जर्बेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) की रिपोर्ट के अनुसार, असद की सत्ता जाने के बाद कम से कम 745 नागरिकों की हत्या की गई। अधिकतर हत्याएं गोली मारकर की गई हैं। यही नहीं कम से कम 125 सरकारी सुरक्षाकर्मी और 148 Assad समर्थित गुटों के लड़ाके भी मारे गए हैं।
सीरिया के लटकिया (Latakia) प्रांत, जो अब तक असद (Assad) का गढ़ माना जाता था, अब सबसे ज्यादा हिंसा झेल रहा है। SOHR की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरियाई सुरक्षा बलों ने कम से कम 162 अलावियों को फील्ड एक्सीक्यूशन में मार दिया। इसके चलते लटकिया के बड़े हिस्से में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। हालांकि, सीरिया के आंतरिक मंत्रालय ने इन घटनाओं को अलग-अलग घटनाएं बताते हुए कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
अलावी (Alawites) सीरिया के एक धार्मिक अल्पसंख्यक (Minority) हैं। इनकी कुल आबादी, देश की कुल आबादी का लगभग 12% हैं। यह समुदाय शिया समुदाय (Shia Islam) से जुड़ा हुआ है और मुख्य रूप से लटकिया (Latakia) और टारटस (Tartus) प्रांतों में रहता है।
पिछले 50 वर्षों तक बशर अल-असद (Bashar al-Assad) और उनके परिवार ने सीरिया पर शासन किया। असद परिवार जब सत्ता में था तो अलावी समाज को बड़ी संख्या में सरकार में शामिल किया गया। लेकिन अब उनके शासन के खत्म होने के बाद सुन्नी समुदाय (Sunni Factions) बदले की कार्रवाई कर रहा है।
असद की सत्ता खत्म होने के तीन महीने बाद, सुन्नी लड़ाकों ने अलावियों पर हमले तेज कर दिए हैं। खासतौर पर हयात तहरीर अल-शाम (Hayat Tahrir al-Sham), जिसने असद सरकार को हटाने में बड़ी भूमिका निभाई, अब अलावियों पर अत्याचार कर रहा है।
सीरिया का बनियास क्षेत्र हिंसा का केंद्र बना हुआ है। वहां के हालात बेहद खराब हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़कों और घरों में लाशें बिछी हुई हैं, लोग अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ों की तरफ भाग रहे हैं।
57 वर्षीय अली शेहा (Ali Sheha) ने फोन पर बताया: यह बहुत ही भयानक था। चारों ओर लाशें थीं, हम किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे। बंदूकधारी लोगों से आईडी मांग रहे थे और फिर उनका धर्म देखकर उन्हें मार रहे थे।
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