विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन पुराने वेरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization) ने कहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) पुराने वेरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
WHO की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ( Soumya Swaminathan) ने कहा कि शुरुआती सबूतों से यह निष्कर्ष निकालना 'मूर्खतापूर्ण' होगा कि ओमिक्रॉन पिछले वाले वेरिएंट की तुलना में कम खतरनाक है। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ बढ़ गया है। ओमिक्रॉन वेरिएंट सफलतापूर्वक कुछ प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से बच रहा है, जिसका अर्थ है कि कई देशों में बूस्टर कार्यक्रमों को कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए लक्षित किया जाना चाहिए।
डेल्टा की तुलना में हल्का नहीं ओमिक्रॉन
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा कि अब लगातार सबूत मिल रहे हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा संस्करण की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है। इसकी अधिक संभावना है कि कोरोना का टीका ले चुके लोग या कोरोना से स्वस्थ्य हो चुके लोग इसकी चपेट में आ जाएं। उन्होंने इम्पीरियल कॉलेज लंदन द्वारा किए गए अध्ययन का हवाला दिया। इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन का डेल्टा की तुलना में हल्का होने के कोई संकेत नहीं हैं। कोरोना के ठीक हो चुके लोगों में इसके संक्रमण का जोखिम पांच गुणा से भी अधिक है। टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि SARS-CoV-2 कोरोना वायरस की उत्पत्ति से संबंधित डेटा और सूचनाएं चीन को और अधिक देनी चाहिए।
WHO के विशेषज्ञ आब्दी महमूद ने कहा कि हम न्यूट्रलाइजेशन एंटीबॉडी में कमी देख रहे हैं। लगभग सभी डेटा से पता चलता है कि टी-कोशिकाएं बरकरार हैं। वास्तव में हमें यही चाहिए। डब्ल्यूएचओ की टीम ने नई लहर का सामना कर रही दुनिया को कुछ उम्मीद भी दिखाई है। टीम ने कहा कि साल 2022 वह साल हो सकता है जब 5.6 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेने वाली यह महामारी दूसरे और तीसरे जेनरेशन के टीकों के निर्माण के साथ खत्म हो सकती है।
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