सार

सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) ने कुल 2,586 कोविड-पॉजिटिव रोगियों पर शोध किया गया था। यह अध्ययन 'फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी' के 21 नवंबर के संस्करण में प्रकाशित हुआ है।

नई दिल्ली। कोरोना (Corona) का सबसे अधिक प्रभाव ए (A), बी (B) ब्लडग्रुप और आरएच फैक्टर पॉजिटिव (RH+) के लोगों पर हो रहा है। जबकि ओ (O) या एबी (AB) ग्रुप व आरएच नेगेटिव (RH-) वाले लोगों को कोविड संक्रमण से अन्य ग्रुप्स के मुकाबले कम खतरा रहा है। यह शोध सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली (Sir Gangaram Hospital) द्वारा किया गया है।

मंगलवार को जारी किया रिपोर्ट

सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) ने मंगलवार एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि कुल 2,586 कोविड-पॉजिटिव रोगियों पर शोध किया गया था। 8 अप्रैल से 4 अक्टूबर 2020 तक आरटी-पीसीआर कराने वाले लोग, जिनको भर्ती किया गया था, उन पर शोध किया गया। यह अध्ययन 'फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी' के 21 नवंबर के संस्करण में प्रकाशित हुआ है।

किस ब्लडग्रुप पर कितना असर

SGRH में हुए रिसर्च के अनुसार जिनके रक्त समूह A, B और Rh+ हैं, वे COVID-19 संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। जबकि जिनके ब्लडग्रुप O, AB और Rh- हैं, वह कोविड​​​​-19 संक्रमण के कम जोखिम में है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि ब्लडग्रुप्स और रोग की गंभीरता के साथ-साथ मृत्यु दर के लिए संवेदनशीलता के बीच कोई संबंध नहीं है।

क्या होता है आरएच फैक्टर?

आरएच फैक्टर एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की सतह पर मौजूद हो सकता है। रक्त समूहों के बगल में सकारात्मक या नकारात्मक चिन्ह को आरएच कारक के रूप में जाना जाता है। यदि रक्त प्रकार सकारात्मक है, तो रक्त कोशिकाओं में आरएच प्रोटीन होता है, और नकारात्मक होने पर उनमें आरएच प्रोटीन की कमी होती है।

सीएसआईआर भी कर चुका है ऐसा रिसर्च

बीते साल ही कौंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने ब्लड ग्रुप पर अलग-अलग होने वाले कोविड के प्रभाव पर रिसर्च किया था। महामारी के ब्लड ग्रुप्स पर रिजल्ट बेहद चौकाने वाले थे। सीरो पॉजिटिव सर्वे डेटा के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसमें करीब दस हजार लोगों का डेटा पर 140 डॉक्टर्स की टीम ने रिसर्च कर रिपोर्ट तैयार किया। 
रिसर्च के अनुसार ‘O’ ब्लड ग्रुप वालों पर कोविड का प्रभाव काफी कम रहा था। ओ ग्रुप वाले अधिकतर केस एसिम्प्टोमैटिक थे। जिनके लक्षण सामने आए वह भी बेहद हल्के लक्षण थे। सीएसआईआर रिपोर्ट के अनुसार ‘AB’ और ‘B’ ब्लड ग्रुप वालों को कोविड का सबसे अधिक संक्रमण हो रहा था। इस ब्लड ग्रुप वाले सबसे अधिक कोरोना के शिकार हुए। इस ग्रुप के लोगों को संभलकर रहने की सलाह दी गई थी। इसी तरह 'A' ग्रुप वालों पर भी कोविड का अधिक प्रभाव देखा गया था। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार शाकाहारियों पर कोविड संक्रमण की दर मांसाहारियों से कम रहा। मांसाहारी लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक था।

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