
नई दिल्ली। पड़ोसी देशों में आतंकी गतिविधियों में शामिल पाकिस्तान (Pakistan Terrorism) अब अपने ही इलाकों में आतंकियों (Terrorists) की मौजूदगी में उलझ गया है। पेशावर (Peshawar Mosque attack) में शुक्रवार को मस्जिद पर हुआ हमला इसका ही एक उदाहरण था। इस हमले में 56 नमाजियों की मौत हो गई। 190 से अधिक लोग हमले में घायल हुए। इस्लामिक स्टेट (ISIS) के इस हमले ने पाकिस्तान में आतंक के हुक्मरानों को हिला दिया है। दरअसल, यह हमला आईएसआईएस की उस ईकाई ने किया जो खुरासान प्रांत में स्थित है। इसका मुख्यालय अफगानिस्तान में है। लेकिन आतंक के गढ़ में आतंकी वारदातों के पीछे क्या कारण है। आखिर आईएसआईएस क्यों पाकिस्तान से चिढ़ता है।
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कई आतंकी संगठनों से टूटकर बना ISIS-K
ISIS- K का गठन 2014 में तहरीक ए तालिबान, अल कायदा और अफगानिस्तान व पाकिस्तान में सक्रिय लड़ाकों में हुए विद्रोह के बाद हुआ। अफगानिस्तान में जो कुछ भी हुआ उसके लिए ISIS - K पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता रहा है। अगस्त में काबुल से अमेरिकी सेना के लौटने के बाद से समूह ने पाकिस्तान की सीमाओं के साथ अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। इस आतंकी संगठन ने इस्लाम के खिलाफ जाने या कुरान का विरोध करने वाले व्यक्ति या संस्थाओं को कड़ी चेतावनी दी थी।
पाकिस्तान को नष्ट करना ISIS -K का टारगेट
अफगानिस्तान में ISIS खुरासान (ISIS-K) के एक सदस्य ने कहा था कि उनका लक्ष्य पाकिस्तान को तबाह करना है, क्योंकि वह अफगानिस्तान में अराजकता के लिए जिम्मेदार है। ISIS-K अफगानिस्तान में खुद को स्थापित करना चाहता था, लेकिन तालिबान उसका विरोधी रहा है। ISIS का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान को स्थापित करने में पाकिस्तान की अहम भूमिका रही है। कुछ समय पहले प्रशासन ने उन्हें भागने पर मजबूर किया। उनके कई कार्यकर्ताओं को मार गिराया। इस कार्रवाई के बाद से ISIS - K और तेजी से हमलावर हुआ है। इसी संगठन ने अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने वक्त काबुल एयरपोर्ट पर हमला किया था।
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