वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को कड़ी चेतवानी देते हुए कहा है कि सेना का राजनीति में बहुत अधिक हस्तक्षेप है। सैन्य नेता अपने निहित स्वार्थों को लेकर फैसले लेते हैं।
इस्लामाबाद। वर्ल्ड बैंक (Pakistan Army) ने पाकिस्तान को कड़ी चेतवानी दी है। पाकिस्तान में आम चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने साफ कहा कि आने वाली सरकार को विकल्प चुनना होगा। अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता और विकास भागीदार केवल सलाह दे सकते हैं। इसपर अमल करना सरकार के हाथ में है। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि सेना को लेकर चुभने वाली बात कही। उसने कहा कि सेना का राजनीति में बहुत अधिक हस्तक्षेप है। सैन्य नेता अपने निहित स्वार्थों को लेकर फैसले लेते हैं।
पाकिस्तान में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर नाजी बान्हासीन ने उज्जवल भविष्य के लिए सुधार करने होंगे। अभी ये फैसले सैन्य, राजनीतिक और व्यापारिक नेताओं के निहित स्वार्थों से काफी प्रभावित होते हैं। पाकिस्तान संकट के कगार पर है। यह वक्त कड़े फैसले लेने का है। उसे फैसला लेना होगा कि सैन्य, राजनीतिक और व्यापारिक नेताओं के मजबूत निहित स्वार्थों से प्रेरित निर्णय लेना है या 40 फीसदी से अधिक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी को एक उज्जवल भविष्य देना है।
विश्व बैंक के अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें मुद्रास्फीति, बिजली की बढ़ती कीमतें, गंभीर जलवायु संकट और विकास के लिए पैसे की कमी प्रमुख है। पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी कम नहीं कर रहा है। 2018 तक गरीबी उन्मूलन में सफलता मिली थी, लेकिन अब गरीबी बढ़ रही है।
दक्षिण अफ्रीकी देशों से भी खराब है पाकिस्तान की स्थिति
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि 2000 से 2020 तक 20 साल में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति विकास दर महज 1.7 फीसदी रही। यह इन 20 सालों में दक्षिण अफ्रीकी देशों की प्रति व्यक्ति विकास दर से आधी है। समान आर्थिक संरचना वाले देशों की तुनला में भी पाकिस्तान का आर्थिक विकास काफी कम हुआ।
पाकिस्तान मानव विकास के मामले में दक्षिण एशिया के बाकी हिस्सों से काफी पीछे हैं। यह मोटेतौर पर कई सू-सहारा अफ्रीकी देशों के बराबर हैं। यहां पांच साल से कम उम्र के करीब 40 प्रतिशत बच्चे अविकसित है। 20.3 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। यह दुनिया में स्कूल न जाने वाले बच्चों की सबसे बड़ी संख्या है।