
दावोस। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच 2022 में कल शहरों का भविष्य कार्यक्रम में कहा कि धरती पर कोई ऐसा नहीं है जो मिट्टी में जैविक तत्व बढ़ाने के खिलाफ है। हर कोई इसके पक्ष में है। समृद्ध मिट्टी ही हमारे समृद्ध जीवन की बुनियाद है। स्वस्थ मिट्टी और स्वस्थ जीवन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में भाग ले रहे 150 देशों के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए सद्गुरु ने मिट्टी के स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बोला। उन्होंने कहा कि यह शहरों की ओर पलायन कम करने और धरती की दीर्घकालिक खुशहाली को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी।
ग्रामीण इलाकों में शहरीकरण करें
सद्भगुरु ने खराब हो चुकी जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए अपने वन बिल्डिंग सिटी के विचार सामने रखे। उन्होंने बिल्डरों को शहरों में भीड़ कम करने के लिए बाहरी इलाकों में जाने और उसे आंशिक रूप से इंसानी निवास के लिए विकसित करने को कहा। सद्गुरु ने कहा कि दुनिया का 72 फीसदी निवेश सिर्फ 31 शहरों में है। शहरी केंद्र लोगों के वहां जाने के लिए चुंबक का काम करते हैं। इससे शहरें अधिक बेतरतीब और बेतुका होती जाती हैं। उन्होंने निवेश को मौजूदा भीड़ भरे शहरी केंद्रों से हटाने और ग्रामीण इलाकों में शहरीकरण करने को कहा।
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