एंडीज से हिमालय तक, जानिए दुनिया के सबसे ज्यादा टर्बुलेंस वाले हवाई रास्तों के बारे में। कौन से रूट्स हैं सबसे खतरनाक और क्यों?
उड़ान के दौरान टर्बुलेंस यानी कि उथल-पुथल एक सामान्य अनुभव है।लेकिन कुछ फ्लाइट रूट्स ऐसे होते हैं जहाँ यह अन्य रूट्स की तुलना में ज्यादा महसूस होता है। टर्ब्यूलेंस ट्रैकिंग साइट Turbli.com ने दुनिया के 550 सबसे बड़े हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 10,000 से अधिक रूट्स का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण के बाद इस वेबसाइट ने सर्वाधिक टर्बुलेंस वाले रूट्स की सूची जारी की है।
इस लिस्ट में पहले स्थान पर अर्जेंटीना के मेंडोजा और चिली के सेंटियागो के बीच की छोटी उड़ान है। यह रूट एंडीज पर्वत श्रृंखला को पार करता है, जो दुनिया की सबसे कठिन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। यात्रा अर्जेंटीना के मेंडोज़ा क्षेत्र से शुरू होती है। ये इलाका अपनी वाइन और जैतून के तेल के लिए प्रसिद्ध है। फिर यह पश्चिम की ओर उड़ते हुए एंडीज पर्वतों के ऊपर से सेंटियागो, चिली की राजधानी तक जाती है। ये शहर बर्फ से ढकी एंडियन चोटियों से घिरी एक घाटी में स्थित है।
कोर्डोबा से सेंटियागो - अर्जेंटीना से चिली की उड़ान भी एक और ‘उबड़-खाबड़’ हवाई यात्रा मार्ग है। मेंडोजा-सेंटियागो रूट की तरह, यह उड़ान भी एंडीज पर्वतों के ऊपर से होती है। लेकिन यहां टर्बुलेंस का स्तर कम होता है।
काठमांडू से ल्हासा - नेपाल से तिब्बत, एशिया में, यह रूट सबसे ज्यादा ‘उबड़-खाबड़’ उड़ानों में से एक है। यह 571 किलोमीटर लंबा रूट हिमालय पर्वतों के बीच से गुजरता है। यह एवरेस्ट समेत दुनिया की कई सबसे ऊंची चोटियां भी हैं। यही मुख्य कारण है कि यहां टर्बुलेंस ज्यादा होता है।
काठमांडू से पारो – नेपाल से भूटान काठमांडू, नेपाल और पारो, भूटान के बीच की उड़ान भी एक और डरावनी हवाई यात्रा है। यह उड़ान खड़ी पहाड़ियों के ऊपर से होकर गुजरती है, जिससे विमान को तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है।
नाइस से जिनेवा – फ्रांस से स्विट्जरलैंड यूरोप में, नाइस से जिनेवा की उड़ान में भी कुछ ज्यादा ही टर्बुलेंस होता है। यह रूट आल्प्स पर्वतों के ऊपर से गुजरता है, जिससे इसे तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है।
वैले, तिब्बत के ऊपर का एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है, जिसके ऊपर से खतरों की वजह से विमान गुजरते ही नहीं है। इसके भी कई कारण है। पहला यहां पर्वतों की ऊंची चोटियां और दूसरा कभी भी बदल जाने वाला मौसम। ऐसे में विमान तिब्बत के अधिकतर हवाई क्षेत्र से जरा बचकर ही निकलते हैं।