चीन में जिनपिंग सरकार का ऐसा सच सामने आया है, जिसे जानने के बाद लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। यहां डिंटेंशन सेंटर में उइगर मुस्लिमों पर जो अत्याचार हो रहा है, वह आपकी रूह कंपा देगा।
नई दिल्ली। चीन में उइगर मुस्लिमों को किस हद तक प्रताड़ित किया जा रहा है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। उन पर तमाम प्रतिबंध लगाकर बंदी बनाना और ऐसी प्रताड़ना देना की सुनने और देखने वाले रूह कांप जाए। फिलहाल, यहां एक ऐसे डिटेंशन सेंटर का खुलासा हुआ है, जहां उइगर हमलों को थर्ड डिग्री से भी बुरी प्रताड़ना दी जा रही है।
इस सेंटर का सच शिनजियांग पुलिस फाइल्स नाम से दुनिया के सामने आया है। हालांकि, इस सेंटर में उइगर मुस्लिमों के अलावा दूसरी जातियों और धर्मों के लोगों को भी बंदी बनाकर रखा गया है। प्रताड़ना की हद का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां पुरूष और महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया जाता है। अत्याचार की हद यह है कि महिलाओं से खुलेआम रेप होता है। और तो और जो लोग यहां से भागने की कोशिश भी करते हैं, उन्हें सीधे गोली मार दी जाती है।
री-एजुकेशन प्रोग्राम के नाम पर प्रताड़ना
शिनजियांग पुलिस फाइल्स नाम से सामने आई एक रिपोर्ट में बताया गया है यहां एक ऐसा डिटेंशन सेंटर है, जहां करीब दस लाख उइगर मुस्लिम और अन्य धर्म व जाति के लोग बंदी बनाकर रखे गए हैं। चीन का दावा है कि इन्हें यहां देश की परंपरा, सरकार की नीतियों और देश से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी दी जाती है। इसे री-एजुकेशन प्रोग्राम नाम दिया गया है।
डिंटेंशन सेंटर के नाम पर चलाए जा रहे प्रताड़ना सेंटर
चीन में शिक्षा से जुड़े मसलों पर कार्य करने वाले एड्रियन जेन्ज ने वहां की सरकार द्वारा डिटेंशन सेंटर के नाम पर चलाए जा रहे प्रताड़ना सेंटरों की पोल खोली है। एड्रियन चाइनीज गवर्नमेंट डाक्युमेंट एक्सपर्ट भी हैं। उन्होंने कुछ डिटेंशन सेंटर में हो रहे अत्याचार से जुड़े दस्तावेज लीक किए हैं। शिनजियांग पुलिस फाइल्स नाम से जारी इन दस्तावेजों में बताया गया है कि किस तरह चीन सरकार यहां गुनाह की इंतेहा किए हुए हैं। उन्होंने इसकी पूरी सच्चाई फोटो और दस्तावेजों के जरिए बयां की है।
यूएन मानवाधिकार प्रमुख जाने वाले हैं शिनजियांग
एड्रियन जेन्ज अमरीकी एनजीओ द विक्टिम्स ऑफ कम्युनिज्म मेमोरियल फाउंडेंशन से जुड़े हैं। शिनजियांग पुलिस फाइल्स तब सामने आई है, जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के चीफ मिशेल बेचलेट शिनजियांग जाने वाले हैं। जेन्ज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए सभी लोगों को बंदी बनाकर रखा गया है। यहां वॉच टॉवर पर स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं, जो सेंटर से भागने वालों को देखते ही गोली मार देते हैं। महिलाओं से पूछताछ के नाम पर रेप होता है। पुरुषों और महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर करंट लगाया जाता है। उन्हें बुरी तरह पीटा जाता है।
चीन इसे डिटेंशन नहीं ट्रेनिंग सेंटर बताता है
इस डिटेंशन सेंटर में बंद 42 साल की तर्सुने झियाउदून ने बताया कि उसे बुरी तरह पीटा जाता रहा है। यौन प्रताड़ना दी जाती है। गैंगरेप किया गया। प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया गया। कुछ अन्य बंदियों ने बताया कि यहां धार्मिक अभ्यास नहीं करने दिया जाता। प्रताड़ना के नाम पर सुई चुभोई जाती है। सोने नहीं देते। नाखून नोच लेते हैं। बहरहाल, चीन ने हमेशा की तरह इस बार भी इन आरोपों से इनकार किया है। चीन इस डिटेंशन सेंटर को री-एजुकेशन प्रोग्राम के तहत चलाया गया ट्रेनिंग सेंटर बताता आ रहा है। चीन का दावा है कि यहां लोग अपनी इच्छा से आते हैं, ट्रेनिंग लेते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा सकें।
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