सार

EV vehicles में खास तकनीक इस्तेमाल किए जाने की वजह से वाहनों में मामूली सी आवाज आती है, वहीं सरकार भी इस समस्या को भांप चुकी है। केंद्र सरकार का  ministry of heavy industries इन वाहनों में अलर्ट होने जितनी  आवाज पैदा करने के ऑप्शन पर विचार कर रहा है। 

ऑटो डेस्क । देश में तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल का चलन बढ़ा है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने तो मार्केट की डिमांड ही बदलकर रख दी है। आने वाले साल में दो पहिया, चार पहिया वाहन के अलावा कॉमर्शियल वाहनों के लिए भी इलेक्ट्रिक व्हीकल की ही मांग है। ऐसे में अब सड़कों पर वाहनों का शोर कम हो जायेगा। दरअसल ईवी इंजन बहुत कम आवाज करते हैं।  आपने महसूस किया होगा, इस समय जो इलेक्ट्रिक ईंधन से चलने वाले ऑटो बहुत ही शांति से सड़कों से गुजर जाते हैं। अभी इनकी तादाद कम है तो फर्क नहीं पड़ रहा है लेकिन जैसे ही सड़कों पर येवाहन बढ़ेंगे, आवाज ना होने से एक्सीडेंट बढ़ने की संभावना एक्सपर्ट जता रहे हैं।

आवाज ना होने से बढ़ेंगे एक्सीडेंट
ईवी वाहनों में खास तकनीक इस्तेमाल किए जाने की वजह से वाहनों में मामूली सी आवाज आती है, वहीं सरकार भी इस समस्या को भांप चुकी है। केंद्र सरकार का  भारी उद्योग मंत्रालय इन वाहनों में अलर्ट होने जितनी  आवाज पैदा करने के ऑप्शन पर विचार कर रहा है। हिन्दुस्तान को मिली सूत्रों के हवाले से ये कहा जा रहा है कि, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सड़क पर चलने वाले लोगों को ये पता चल सके कि कोई गाड़ी नजदीक आ गई है तो वो अलर्ट हो सके। 

विभागों को जारी किए गए निर्देश
 ministry of heavy industries ने इस बारे में परिवहन विभागों को उपाय निकालने के निर्देश दे दिए हैं। ऑप्शन मिलने के बाद साउंड के रिएक्शन का अध्ययन किया जाएगा। इसमें इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि कहीं इससे ध्वनि प्रदूषण तो नहीं फैल रहा है। ध्वनि प्रदूषण की आशंका को खत्म करने के बाद ही इस ऑप्शन को अंगीकार किया जाएगा।  

 

Nitin Gadkari दे चुकें हैं इशारा
एक्सपर्ट की राय के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों में कुछ आवाज आते रहने के लिए साउंड डिवाइस लगाने के लिए कहा जा सकता है। इसमें नियंत्रित साउंड रखा जायेगा। इससे लोगों को वाहन का तो पता चले लेकिन उससे ध्वनि प्रदूषण ना हो, इसमें ऐसी मशीन लगाई जाएगी जो आम गाड़ियों की मशीन की तरह आवाज करे। हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस संबंध में पहले ही इशारा कर चुके हैं कि परिवहन विभाग गाड़ियों में हॉर्न की जगह देसी वाद्य यंत्रों के इस्तेमाल किए जाने पर रिसर्च कर रहा है। आने वाले समय में हो सकता है कि गाड़ियों के लिए बासंरी जैसे अन्य वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनों वाली साउंड डिवाइस लगाने की सलाह दी जाए।   

स्पीड के हिसाब से तय होगी गाड़ी का आवाज
बता दें कि ईवी वाहनों में साउंड पैदा करने की कोशिश केवल भारत में ही नहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में भी गाड़ियों में आवाज पैदा किए जाने पर रिसर्च हो रहा है। हाई स्पीड, मध्यम रफ्तार और स्लो स्पीड के मुताबिक आवाज क्रिएट किए जाने पर काम चल रहा है।