सार

बिहार में अब फिर जहरीली शराब ने  ऐसा कहर बरपाया है कि राज्य में इसे पीने से होली के दिन तीन जिलों के 13 लोगों की मौत हो गई। वहीं दर्जनों लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं।

भागलपुर. बिहार में कहने को तो शराबबंदी है, लेकिन आए दिन लोग इसको पीने से मौत के मुंह में समा रहे हैं। अब फिर जहरीली शराब ने  ऐसा कहर बरपाया है कि राज्य में इसे पीने से होली के दिन तीन जिलों के 13 लोगों की मौत हो गई। वहीं दर्जनों लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि कुछ लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है। इस घटना के बाद से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

सबसे ज्यादा बांका जिले में हुईं मौतें
दरअसल, जहरीली शराब से मौत की सबसे बड़ी घटना बांका जिले से सामने आई है। जहां होली के दिन जिले के अमरपुर में 7 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वहीं शनिवार को भागलपुर में 4 और मधेपुरा में 3 लोगों की शराब पीने से मौत हुई है। एक शख्स की आंखों की रोशनी भी चली गई और कई युवकों का इलाज चल रहा है।

पुलिस प्रशसान में हड़कंप..बोलने से बच रहे अधिकारी
बता दें कि पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। उनका कहना है कि कई मृतकों का अंतिम संस्कार तो बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही कर दिया है। उन्होंने पुलिस को भी इसकी सूचना नहीं दी है। भागलपुर के साहेबगंज के मामले में मृतक के परिजन जहरीली शराब पीने से मौत की वजह बता रहे हैं। वहीं  मधेपुरा के केस में परिजन कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। उन्होंने बिना पोस्टमॉर्टम के रात में ही तीनों शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

भागलपुर में मरने वालों के नाम
1.विनोद राय
2. संदीप यादव
3 नीलेश कुमार
4. मिथुन कुमार 

मधेपुरा में  शराब से मरने वाले
1. नीरज निशांत सिंह उर्फ बौआ 
2. परौकी सिंह
3. संजीव रमानी 

बांका  जिले सबसे ज्यादा मौत
1.रघुनंदन पोद्दार 
2.राजा तिवारी
3. संजय शर्मा
4. सुमित कुमार
5. आशीष कुमार
6. विजय शाह

शराबबंदी वाले वाले बिहार में आसानी से मिल रही शराब
बता दें कि बिहार में कहने को तो शराबंदी है, लेकिन फिर भी गांव से लेकर शहर तक में शराब खुलेआम बिकती है। साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वादा किया था कि अब से राज्य में ना तो कोई शराब पिएगा और ना ही मिलेगी। क्योंकि सुशासन बाबू इस ऐलान के बाद महिलाओं की वोट अपने पक्ष में करना चाहते थे। हालांकि हुआ भी वही जैसा सीएम ने चाहा, जिसके चलते महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 60 के करीब हो गया था। महिलाओं ने बढ़ चढ़कर उनको वोट दिया और राज्य में नीतीश की सरकार बनाई। लेकिन अब तो आए दिन अवैध शराब पीने से लोगों की मौतें हो रही हैं। जिसको लेकर राज्य सरकार पर अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं। आम जनता से लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर मुख्यमंत्री आ चुके हैं। मौत के जो आंकड़े आ रहे हैं वह तो यही बताते हैं कि शराबबंदी वाले वाले बिहार में अब भी लोगों को आसानी से शारब मिल रही है।