सार

अभी चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है।  बिहार में नवंबर अंत तक नई विधानसभा गठन के लिए चुनाव कराए जाने हैं। 243 सीटों पर चुनाव होगा। नीतीश पूरी तरह सक्रिय हैं।

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। बीजेपी के बाद एनडीए में शामिल नीतीश कुमार भी अगले महीने राज्य में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। इस वक्त नीतीश पूरी तरह सक्रिय हैं। पार्टी पदाधिकारियों और एनडीए नेताओं से रोजाना मीटिंग कर रहे हैं। धड़ल्ले से परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं। इस बीच चुनाव से पहले 100 से ज्यादा अफसरों का तबादला किया गया है। अभी चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है।  

बिहार में नवंबर अंत तक नई विधानसभा गठन के लिए चुनाव कराए जाने हैं। 243 सीटों पर चुनाव होगा। पिछली बार नीतीश ने आरजेडी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल किया था। मगर बाद में आरजेडी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ एनडीए की सरकार बना ली। इस बार नीतीश बिहार में एनडीए का चेहरा हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने "एशियानेट न्यूज" को बताया है कि पार्टी ने बूथ स्तर तक की तैयारियों को पूरा कर लिया है। 

कब से अभियान शुरू करेंगे 
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री 6 सितंबर से नीतीश कुमार चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। इस दिन जेडीयू एक बड़ी वर्चुअल रैली करने जा रहा है। बताते चलें कि कोरोना महामारी की वजह से सभी पार्टियों का मुख्य फोकस डिजिटल कैम्पेन होगा और इस मामले में एनडीए विपक्षी दलों से काफी आगे दिख रहा है। लोगों पर इस तरह के कैम्पेन का प्रभाव किस तरह होगा ये देखने वाली बात है। 

 

अमित शाह जून में ही कर चुके हैं शुरुआत 
बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह वर्चुअल रैली के जरिए पहले ही जून में बीजेपी का विगुल फूक चुके हैं। चुनाव के लिए बीजेपी ने बड़े पैमाने पर आईटी सेल्स बनाए हैं। तमाम सोशल ग्रुप्स के अलावा 72 हजार से ज्यादा वाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं। इनके जरिए बड़े नेताओं की बात और जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दे, राज्य और केंद्र सरकार के काम लोगों तक पहुंचाए जाएंगे। बिहार के बीजेपी प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने भी साफ किया है कि पार्टी मोदी और नीतीश सरकार के काम को आधार बनाकर लोगों के बीच जाएगी। 

आरजेडी ने भी बिछाया है जाल 
इस बार आरजेडी ने भी बूथ स्तर तक सोशल मीडिया नेटवर्किंग का जाल बिछाया है। जिलों के पदाधिकारियों को निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। खुद तेजस्वी और उनकी टीम केंद्रीय स्तर पर चीजों को कोर्डिनेट कर रही है। आरजेडी अपने इतिहास में पहला चुनाव लालू यादव की गैर मौजूदगी में लड़ रही है। पिछले चुनाव में नीतीश के साथ लालू का जादू देखने लायक था। आरजेडी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। विपरीत हालात में तेजस्वी पर प्रदर्शन दोहराने का दबाव रहेगा।  

100 से ज्यादा अफसरों का तबादला 
नीतीश सरकार ने 100 से ज्यादा अफसरों का तबादला किया है। इसमें 10 आईएएस, 97 डीएसपी रैंक के अफसरों के साथ 7 ट्रेनी आईपीएस शामिल हैं। ट्रेनी अफसर 2017 और 2018 बैच के हैं। राज्य में विपक्ष ने अफसरों के तबादले की निंदा की है।