सार

रिहायशी इमारत को होटल बनाने के मामले में सोनू सूदको बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। जस्टिस पृथ्वीराज चह्वाण की सिंगल बेंच ने सोनू की अर्जी को महाराष्ट्र क्षेत्रीय टाउन प्लानिंग एक्ट की धारा 53 के तहत गलत पाया। इस केस की सुनवाई BMC ने सोनू को आदतन अपराधी भी कहा था। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील अमोघ सिंह ने दावा किया कि शक्ति सागर इमारत में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया, जिसमें ‌BMC से अनुमति लेना जरूरी हो। 

मुंबई. रिहायशी इमारत को होटल बनाने के मामले में सोनू सूद (sonu sood) को बॉम्बे हाईकोर्ट (bombay high court) से राहत नहीं मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को सोनू सूद की उस अपील और अंतरिम याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जुहू स्थित अपनी आवासीय इमारत में कथित अवैध निर्माण को लेकर BMC के नोटिस को चुनौती दी थी। जस्टिस पृथ्वीराज चह्वाण  ने कहा कि अदालत अपील और याचिका को खारिज कर रही है। अब इसका मतलब है कि सोनू सूद पर बीएमसी ही कार्रवाई करेगी। BMC का आरोप है कि सोनू ने एक रिहायशी इमारत में दो बार अवैध निर्माण करके उसे होटल के रूप में बदला। पिछले महीने सोनू की याचिका सिटी सिविल कोर्ट ने खारिज की थी। इसका मतलब है कि अब BMC ही कार्रवाई करेगी।


जस्टिस पृथ्वीराज चह्वाण की सिंगल बेंच ने सोनू की अर्जी को महाराष्ट्र क्षेत्रीय टाउन प्लानिंग एक्ट की धारा 53 के तहत गलत पाया। इस केस की सुनवाई BMC ने सोनू को आदतन अपराधी भी कहा था। नोटिस पिछले साल अक्टूबर में भेजा गया था। BMC ने सोनू के खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है।


सोनू के वकील अमोघ सिंह ने बीएमसी द्वारा जारी नोटिस का पालन करने के लिए 10 सप्ताह का समय मांगा था और अदालत से अनुरोध किया था कि वह नगर निकाय को इमारत ढहाने का कदम नहीं उठाने का निर्देश दे। अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि सोनू के पास ऐसा करने का पहले पर्याप्त समय था।


हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील अमोघ सिंह ने दावा किया कि शक्ति सागर इमारत में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया, जिसमें ‌BMC से अनुमति लेना जरूरी हो। सिर्फ वही बदलाव किए गए हैं जिनकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम के तहत अनुमति जरूरी है।