सार
लता दीदी ने अपनी आवाज के जरिए देश के वीर जवानों के साहस और पराक्रम को बयां किया है। उनके गाये अमर गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को सुनकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के भी आंखों में आंसू आ गए थे। वहीं पीएम मोदी भी भाव-विभोर हो गए थे।
नई दिल्ली। भारत कोकिला लता मंगेशकर को मां सरस्वती की मानस पुत्री कहा जाता है। वे स्वरों की महारानी हैं, लता जी केवल एक गायिका नहीं बल्कि बॉर्डर पर जवानों को जंग जीतने के लिए उत्साहित करने वाली एक वीरंगना रही हैं। वे मां की लोरी है जो बच्चों को गोदी में झुलाते हुए सपनों के अलौकिक संसार में ले जाती हैं। लताजी का नाम प्रेरणास्त्रोत हैं, जिन्होंने लोगों को सिखाया है कि हर सफलता को पाने के लिए कठोर तपस्या और कठिन साधना की जरूरत होती है।
लता दीदी ने अपनी आवाज के जरिए देश के वीर जवानों के साहस और पराक्रम को बयां किया है। उनके गाये अमर गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को सुनकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के भी आंखों में आंसू आ गए थे। वहीं पीएम मोदी भी भाव-विभोर हो गए थे।
पंडित नेहरू की आंखे भर आईं
बता दें कि चीन से युद्ध में परास्त होने के बाद 27 जनवरी, 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समक्ष एक कार्यक्रम में स्वर कोकिला ने लता मंगेशकर ने उन युद्ध में वीर शहीदों को नमन करते हुए गीत गाया था जिसे कवि प्रदीप ने लिखा था। इस गीत में करुण स्वर सुनकर नेहरू रो पड़े थे। इस गीत के बाद सभागार में मौजूद हर दर्शक के आंखें भर आई थी।
पीएम मोदी भी हो गए भाव-विभोर
यही नहीं 27 जनवरी 2014 में लता दीदी ने जब इस गीत की स्वर्ण जयंती के मौके पर ये गीत गाया था तो वहां नरेंद्र मोदी भी भाव-विभोर हो गए थे। तब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बने थे, उस समय लता दीदी ने सभामंच से मोदी के लिए भाई शब्द का प्रयोग किया था और कहा था कि वो ऊपर वाले की शुक्रगुजार हैं, जिनके कारण उन्हें मोदी जी से मिलने का मौका मिला, उनमें प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण मौजूद हैं। इस पर पीएम मोदी ने लताजी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देते हुए कहा था कि आप देश की भारत रत्न हैं और आपके कंठ से निकलने वाला स्वर मां सरस्वती का वरदान है। ये सिर्फ गीत नहीं बल्कि देश के वीर सपूतों की अमर कथा है जिसे केवल आप वर्णित कर सकती हैं, आप पर पूरे देश को गर्व है।