सार
रणदीप हुड्डा की अपकमिंग फिल्म 'स्वतंत्रता वीर सावरकर' का फर्स्ट लुक शनिवार को सामने आया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर की लाइफ पर बन रही इस फिल्म की शूटिंग अगस्त में शुरू होगी।
एंटरटेनमेंट डेस्क. स्वातंत्रयवीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उनकी जिंदगी पर बन रही फिल्म 'स्वतंत्रता वीर सावरकर' (Swatantra Veer Savarkar) का फर्स्ट लुक सामने आया है। रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) इस फिल्म में लीड रोल निभा रहे हैं और फर्स्ट लुक में वे एकदम वीर सावरकर की ही कॉपी लग रहे हैं। उन्होंने फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सावरकर जी को श्रद्धांजलि दी है।
रणदीप ने यह लिखा पोस्टर के साथ
रणदीप ने पोस्टर के कैप्शन में लिखा है, "स्वतंत्रता और आत्म-बोध के लिए भारत के संघर्ष के सबसे लंबे समय तक गुमनामी में खोए नायकों में से एक को सलाम। उम्मीद है कि इतनी बड़ी हस्ती को न्याय दिलाने की चुनौती पर मैं खरा उतर पाऊंगा और सबको उनकी असली कहानी से रूबरू करा पाऊंगा, जिसे इतने लंबे समय से दबा कर रखा गया।"
रणदीप घटाएंगे 22 किलो वजन
फिल्म के डायरेक्टर महेश मांजरेकर ने भी पोस्टर साझा किया है। फिल्म की शूटिंग अगस्त में शुरू की जाएगी। रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म की शूटिंग में अभी 2 महीने का वक्त है और इन दो महीनों में रणदीप को वीर सावरकर की तरह दिखने के लिए अपने फिजिक पर काम करना होगा। बताया जा रहा है कि वे इन दो महीनों में अपना वजन 12 किलो तक कम करेंगे। इससे पहले वे 10 किलो वजन पहले ही कम कर चुके हैं। माना जा रहा है कि मेकर्स की डिमांड के अनुरूप रणदीप को कुल 22 किलो वजन कम करना था। फिल्म के प्रोड्यूसर संदीप सिंह हैं।
सोशल मीडिया पर शुरू हुआ प्रचार
'स्वतंत्रता वीर सावरकर' का पोस्टर सामने आते ही इसे 'द कश्मीर फाइल्स' की तरह हिट बनाने का प्रचार शुरू हो चुका है। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है, "बॉलीवुड बदल रहा है। 'हिंदुत्व धर्म नहीं इतिहास है।' पसंद आया। ये फिल्म चलेगी। ऐसी ही फिल्म बनाओ।" एक अन्य यूजर ने लिखा है, "इस फिल्म को हमें ब्लॉकबस्टर बनाना है 'कश्मीर फाइल्स', 'बाहुबली' से भी बड़ी ब्लॉकबस्टर।" एक अन्य यूजर का कमेंट है, "उत्सुकता के साथ इस फिल्म का इंतज़ार है। बहुत-बहुत शुभकामनाएं रणदीप हुड्डा।"
1883 में हुआ था सावरकर का जन्म
बात वीर सावरकर की करें तो उनका जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगुर गांव में हुआ था। वे हिंदू महासभा के सबसे महत्वपूर्ण शख्सियत थे। इसके अलावा वे सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक भी थे। 26 फ़रवरी 1966 को बॉम्बे में उनका निधन हो गया था।
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