सार

सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण, ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संघों ने गुरुवार को कहा कि वे गैस की कीमतों पर सब्सिडी की मांग को लेकर 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे।

बिजनेस डेस्क। अगर आप अगले हफ्ते के पहले दिन दिल्ली एनसीआर में कहीं जाने की प्लानिंग कर रहे हैं और आपके पास अपना व्हीकल नहीं है और मेट्रो ट्रेन में जाने का मन नहीं है तो अपनी प्लानिंग पोस्टपोन कर दें। वास्तव में हाल ही में सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण, ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संघों ने गुरुवार को कहा कि वे गैस की कीमतों पर सब्सिडी की मांग को लेकर 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे। इससे पहले सोमवार को दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के तत्वावधान में सैकड़ों ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों ने सीएनजी कीमतों पर सब्सिडी की मांग को लेकर दिल्ली सचिवालय पर धरना दिया।

18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स
सीएनजी की कीमतों में 2.5 रुपए की नई बढ़ोतरी के साथ, ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संघों के सदस्यों ने गुरुवार को अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे गैस की कीमतों पर सब्सिडी की मांग के लिए 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे। यह देखते हुए कि केंद्र और दिल्ली सरकार की पॉलिसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि सीएनजी की कीमत हर दिन बढ़ रही है और हम सरकार से हमें 35 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।

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सरकार बात करने को तैयार नहीं
उन्होंने कहा कि हमने सीएम अरविंद केजरीवाल को लिखा है लेकिन उनके कार्यालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इन समस्याओं को लेकर हमें और किसके पास जाना चाहिए? न तो मुख्यमंत्री और न ही सरकार का कोई अन्य नेता हमसे बात करने को तैयार है।' सोनी ने यह भी कहा कि पिछले सात वर्षों में, दिल्ली सरकार ने कभी भी ऑटो-रिक्शा एसोसिएशन के सदस्यों की बैठक नहीं बुलाई।

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सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं है
उन्होंने आगे कहा कि अगर उनका विरोध बढ़ता है, तो सरकारें एक-दूसरे के बीच दोषारोपण करना शुरू कर देंगी। सर्वोदय ड्राइवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष, रवि राठौर ने कहा कि सीएनजी में लगातार प्राइस हाइक हमारी जेब में छेद कर रही है। हमने 8 अप्रैल और 11 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन किया, फिर भी सरकार चुप है और हमें अभी तक बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। हम 18 अप्रैल को 'चक्का जाम' जरूर करेंगे। राठौर ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो आम आदमी भी सड़कों पर उतरेगा।