सार

पतंजलि अपना विस्तार अब विदेश में भी करने की सोच रही है। तीन विदेशी कंपनियों ने साझा व्यापार करने का ऑफर दिया। पिछले तिमाहियों में कंपनी के कोर बिजनेस में गिरावट दर्ज हुई है।
 

नई दिल्ली. स्वदेशी सामान अपनाने पर जोर देने वाली पतंजलि अब विदेशी कंपनी के साथ व्यापार करने पर विचार कर रही है। इस बात का संकेत कंपनी के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने दिया है।

विदेशी कंपनियों ने जताई इच्छा

आचार्य बालकृष्ण ने किसी भी कंपनी का नाम न बताते हुए कहा  कि "हां, पतंजलि को तीन से चार विदेशी कंपनियों ने साझा व्यापार करने की इच्छा जताई है, लेकिन हम अभी इस पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि हम अपने मुल्यों से समझौता नही कर सकतें।" 

पिछले दिनों फ्रांस की दिग्गज लग्जरी कंपनी एलएमवीएच ने पतजंलि के साथ साझा व्यापार करने बात कही थी। 

देश में स्वदेशी ब्रांड के दम पर कंपनी ने दशक से भी कम समय में एक बड़ी कंपनी के रूप में उभरी है। जिसका मार्केट में नमक सहित कई खाद्य पदार्थों का निर्माण करती है। हाल के दिनों में पतंजलि को नुकसान उठाना पड़ा है।

कोर बिजनेस में गिरावट

 डेटा रिसर्च करने वाला नेल्सन ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया है कि पतंजलि को मार्केट में डिटर्जेंट, साबुन और नुडल्स जैसे उत्पादों की मांग में भारी गिरावट दर्ज हुई है। हालाकि आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि जीएसटी के वजह से उत्पादों की मांग में कमी आई है। 

 FMCG सेक्टर में मंदी

नेल्सन के रिसर्च के मुताबिक FMCG सेक्टर में इस तिमाही 7.3 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले साल 16.2 फीसद के मुकाबले कम है। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण भारत में FMCG सेक्टर पिछले सात साल के निचले स्तर पर है।

बता दें कि पतंजलि का भारत में दिग्गज एचयूएल और नेस्ले से कड़ी टक्कर है।