सार

आज वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्‍यक्षता में जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक होने वाली है। इसमें राज्‍यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति (GST Compensation Cess) की रकम के भुगतान को लेकर कोई फैसला हो सकता है। 

बिजनेस डेस्क। आज वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्‍यक्षता में जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक होने वाली है। इसमें राज्‍यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति (GST Compensation Cess) की रकम के भुगतान को लेकर कोई फैसला हो सकता है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल की 42वीं बैठक में राज्‍यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति की रकम के भुगतान को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया था। इसके बाद मुद्दे को अगली बैठक के लिए टाल दिया गया था।

राज्यों को हो रही है वित्तीय दिक्कत
जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं होने की वजह से राज्यों को वित्तीय दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में जीएसटी काउंसिल में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलने पर राजस्व में आई कमी की भरपाई के दो विकल्‍प दिए थे। इनमें से कर्ज लेने के विकल्‍प को गैर-भाजपा शासित राज्यों ने नहीं स्वीकार किया था। इस मुद्दे को लेकर आज की बैठक में केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच जोरदार बहस हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट जा सकता है मामला
कर्ज लेकर राजस्‍व कमी को पूरा करने के विकल्‍प का विरोध करने वाले राज्‍यों का कहना है कि केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से कर्ज लेकर राज्‍यों को क्षतिपूर्ति भुगतान करना चाहिए। केरल के वित्‍त मंत्री थॉमस इसाक (Thomas Isaac) ने कहा कि 10 राज्य तय शर्तों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से पूरी क्षतिपूर्ति रकम देने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए केंद्र को कर्ज लेना चाहिए। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र विवाद के निपटारे से इनकार करता है और उधार के विकल्‍प को वोटिंग के जरिए पास कराता है तो मामले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ले जाया जाएगा।

जीएसटी कलेक्शन में कमी
कोरोना महामारी संकट के चलते जीएसटी कलेक्शन में अभी 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी है। इनमें से 97,000 करोड़ रुपए जीएसटी का बकाया है। पिछली जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 अक्‍टूबर को कहा था कि राज्‍यों को 20,000 करोड़ रुपए दे दिए जाएंगे। बता दें कि अगस्त 2020 में हुई काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार ने जीएसटी की भरपाई के लिए दो विकल्प का सुझाव दिया था। इनमें राज्यों को स्पेशल विंडो मुहैया कराने की बात थी, जिसके तहत वे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से कर्ज ले सकते है। इसमें कम ब्याज दर पर राज्यों को 97,000 करोड़ रुपए का कर्ज मिल सकता है। इस रकम को 2022 तक सेस कलेक्शन से जमा किया जा सकता है।

कर्ज लेने का विकल्‍प 
केंद्र सरकार ने दूसरे विकल्प के तौर पर कहा था कि स्पेशल विंडो के तहत पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपए कर्ज लिया जा सकता है। इसका देश के 21 राज्यों ने समर्थन किया था। उनके पास सितंबर 2020 के बीच तक 97,000 करोड़ रुपए कर्ज लेने का मौका था। वहीं, 10 गैर-भाजपा शासित राज्‍यों ने इसे मानने से इनकार कर दिया।