सार
TCS बोर्ड ने कंपनी के 4,00,00,000 शेयरों को वापस खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। निवेशकों से हरेक शेयर को 4500 रुपए में खरीदा जाएगा।
बिजनेस डेस्क। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने बुधवार को 18,000 करोड़ रुपए तक के शेयर बायबैक को मंजूरी दे दी है। टीसीएस ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा कि निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में कंपनी के 4,00,00,000 इक्विटी शेयरों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल राशि 18,000 करोड़ रुपए है जो कुल इक्विटी का 1.08 फीसदी है। शेयरधारकों से हरेक शेयर को 4,500 रुपए पर खरीदा जाएगा। बायबैक मौजूदा शेयर मूल्य से 643 रुपए के प्रीमियम पर एग्जिक्यूट किया जाएगा।
पांच साल में चौथा बायबैक
यह 2017 के बाद से टीसीएस का चौथा बायबैक है और चालू कैलेंडर वर्ष में किसी भी कंपनी की ओर से पहला बायबैक ऑफर किया गया है। कंपनी ने 2017, 2018 और 2020 में प्रत्येक में 16,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक को मंजूरी दी थी। बुधवार को नतीजों से पहले, टीसीएस का शेयर एनएसई पर 1.50 फीसदी की गिरावट के साथ 3,857 रुपए पर बंद हुआ। पिछले एक साल में, निफ्टी आईटी इंडेक्स 25.02 फीसदी की तेजी के मुकाबले कंपनी के शेयरों में 21.37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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शेयर बायबैक क्या है , निवेशकों को क्या होता है फायदा
शेयर बायबैक, या शेयर पुनर्खरीद, तब होता है जब कोई कंपनी निवेशकों या हितधारकों से अपने शेयर वापस खरीदती है। इसे शेयरधारकों को पैसा वापस करने के लिए एक वैकल्पिक, टैक्स एफिशिएंट तरीके के रूप में देखा जा सकता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर 10 फीसदी टैक्स पर विचार करने के बाद भी बायबैक टैक्स के लिहाज से आकर्षक है। आमतौर पर, कंपनियां शेयर बायबैक के लिए जाती हैं, अगर वह बाजार में मांग बढ़ाना चाहती है। शेयर बायबैक से प्रचलन में शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे शेयर मूल्य और प्रति शेयर आय (ईपीएस) बढ़ सकती है। आमतौर पर इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी भारतीय आईटी कंपनियों के पास काफी कैश होता है और इसकी कीमत भी होती है। इसलिए यह बेहतर है कि बायबैक के जरिए शेयरधारकों को नकद वापस किया जाए।
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टीसीएस का मुनाफा बढ़ा
भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने बुधवार को 31 दिसंबर, 2021 (Q3FY22) को समाप्त तिमाही के लिए 9,769 करोड़ रुपए का कंसोलिडेट नेट प्रोफिट कमाया, जो एक साल पहले के 8,701 करोड़ रुपए के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा है। इस बीच, तीसरी तिमाही में रेवेन्यू 16 फीसदी बढ़कर 48,885 करोड़ हो गया। पिछले साल इसी अवधि में यह 42,015 करोड़ था।