सार

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ सालों में देश में बेरोजगारी दर में काफी इजाफा हुआ है। पिछले साल के मुकाबले बेरोजगारी दर दोगुनी हो गई है। करीब 45 लाख तो ऐसे लोग हैं, जो निराश होकर अपनी नौकरी ही छोड़ दी है।

नई दिल्ली : तमिलनाडु (Tamil Nadu) के शिवगंगा (Shiv Ganga) जिले में हर कोई उस वक्त सोचने पर मजबूर हो गया, जब सड़क किनारे जूता सिलने वाले की डिग्री का उन्हें पता चला। जूता सिलाई का काम कर रहा यह लड़का सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट है। नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटकने  के बाद जब उसे जॉब नहीं मिली तो उसने मोची का काम शुरू कर दिया। इस युवक का नाम कार्तिक ए है। जब लोगों ने उससे पूछा कि आखिर वह ऐसा काम क्यों कर रहा है तो कार्तिक इमोशनल हो गया और अपना दर्द शेयर करते हुए बताया कि उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही है।

ऐसी नौकरी से अच्छा जूते सिलना ही
कार्तिक ने लोगों को बताया कि सिविल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन करने के बाद मैं जहां भी नौकरी करने गया, मुझे सिर्फ चार से पांच हजार रुपए की नौकरी मिली। यह इतना कम था कि गुजारा करना भी मुश्किल। जब नौकरी नहीं मिली तो थक-हार कर अपने पिता का काम शुरू कर दिया। कार्तिक ए ने बताया कि अगर सरकार की तरफ से उसे कोई भी सरकारी नौकरी मिलती है तो उसकी काफी मदद हो जाएगी।

सोशल मीडिया पर रिएक्शन
कार्तिक की फोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए कमेंट्स की बाढ़ सी आ गई। कई यूजर्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सैलरी न होने की बात कर रहे हैं। तो कुछ कह रहे हैं कि सिर्फ पढ़ाई करना ही काफी नहीं होता। मनीष नाम के एक यूजर ने लिखा- यही तो हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना है कि एक इंजीनियर को 4-5 हजार रुपए की नौकरी मिल रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है? एक यूजर ने तो इसे अग्निवीर से जोड़ दिया और कमेंट लिखा- यही काम आगे चलकर अग्निवीर भी करेंगे। 

राजनीति कब तक
नील नाम के एक यूजर ने लिखा- तमिलनाडु की बुरी हालत है सिविल इंजीनियर को 4 हजार सैलरी मिल रही है। कब तक तमिलों को एमके स्टालिन हिंदी भाषा से डराकर राजनीति करते रहेंगे? पंकज नाम के एक यूजर ने लिखा कि सिर्फ ग्रेजुएशन करना ही काफी नहीं है, क्या नंबर मिले और कैसे प्रयास रहे हैं, ये भी महत्वपूर्ण हैं। वैसे अपना पैत्रक व्यवसाय करना भी कहीं से गलत नहीं है। 

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