सार
छत्तीसगढ़ में कोरोना से जंग जीतने को ढराणा गांव की महिलाओं ने अपना चूल्हा-चौका छोड़कर सड़क पर पहरा देने का जिम्मा उठाया है
रायपुर (छत्तीसगढ़), कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने मोर्चा संभाल रखा है।
एक शिफ्ट में होती हैं 10 से 15 महिलाएं
दरअसल, राजधानी रायपुर से कुछ दूरी पर जोरा गांव हैं। जहां की 10 से 15 महिलाएं गांव की मुख्य सड़क पर पहरा दे रही हैं। उन्होंने हाथ में एक डंडा भी पकड़ रखा है। इसके साथ ही पास में साबुन भी रखी है, जहां वह आने-जाने वाले लोगों के हाथ धुला रही हैं।
24 घंटे पहरा देती हैं यह महिलाएं
मीडिया से बात करते हुए महिलाओं ने कहा-काफी समझाने के बाद भी हमारे गांव के कुछ पुरुष बिना किसी काम के बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए हमने यह पहरा लगा रखा है। ताकि ना तो कोई यहां से बाहर जाए और नहीं भीतर जाए। अगर कोई जरुरी काम से जाता भी हो तो उसके आने के बाद उसे सेनेटाइज किया जाता है। उससे बाद वह अंदर आ सकता है।
कोई नहीं माना तो डंडों से करेंगे पिटाई
इन महिलाओं ने अलग-अलग टाइम के हिसाब से अपनी ड्यूटी बांध रखी है। एक शिफ्ट में कम से कम 10 से 15 महिलाएं होती हैं। वह घर से खाना बनाकर लाती हैं और एक-एक मीटर की दूरी पर बैठ कर साथ लंच या डिनर करती हैं। उनका कहना है कि इस संकट भरी घड़ी में हम अपने गांववालों की सुरक्षा करते रहेंगे। अगर कोई इसके बाद भी बाज नहीं आया तो हम उसकी डंडों से पिटाई भी करेंगें।