सार

वन विभाग ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार को रोकने और लकड़ी तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए ड्रोन से निगरानी करने का प्लान बनाया है।

रायपुर(Chhattisgarh). लकड़ी की तस्करी और जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर रोक लगाने के लिए विन विभाग ने बेहतरीन प्लान तैयार किया है। वन विभाग ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार को रोकने और लकड़ी तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए ड्रोन से निगरानी करने का प्लान बनाया है। ड्रोन से निगरानी के बाद जंगली जानवरों के हो रहे लगातार शिकार और लकड़ी तस्करों पर नकेल कसने की तैयारी है।

गौरतलब  है कि टाइगर रिजर्व सीतानदी-उदंती में पिछले काफी समय से जंगली जानवरों के हो रहे शिकार और लकड़ी तस्करी की वन विभाग को शिकायत मिल रही थी। इसके बाद वन विभाग ने ड्रोन से इसकी निगरानी करने का फैसला लिया है। इसके लिए विभाग की ओर से टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर मंजूर होते ही कैमरों की खरीददारी की जाएगी। वन विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि 6 लाख की लागत से दो ड्रोन कैमरे खरीदे जाएंगे, जिसके लिए 14 अक्तूबर तक टेंडर मंगवाया गया है।

100 फिट से अधिक ऊंचाई से रखेंगे तस्करों पर नजर 
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन के अनुसार ड्रोन कैमरे 120 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए टाइगर रिजर्व पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही 15 मीटर की ऊंचाई से सटीक फोटो खींचने वाले ड्रोन भी मंगवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसकी मदद से जंगल में चोरी छिपे आने वाले शिकारियों को पहचानने की मदद मिलेगी और लकड़ी तस्करी करने वाले तस्करों पर भी नजर रखी जा सकेगी। 

10 किमी रेंज तक रिमोट से ऑपरेट होंगे कैमरे 

टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन के मुताबिक ड्रोन को 10 किलोमीटर की रेंज में रिमोट से ऑपरेट किया जा सकेगा। टाइगर रिजर्व में काफी प्रजाति के वन जंतु रहते हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर वन विभाग की ओर से ड्रोन से निगरानी करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इन्हें सुरक्षित रखा जा सके और जंगल में अवैध लकड़ी तस्करी पर भी पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके।