सार

क्रिकेट में दुनिया के महान ऑलराउंडर सर गैरी सोबर्स का जन्मदिन 28 जुलाई को है। सर गैरी के प्रशंसक कैसे हैं, यह अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सर गैरी सोबर्स के साथ इंस्टाग्राम की 1000वीं पोस्ट की है।

नई दिल्ली. दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में से एक सर गारफील्ड गैरी सोबर्स का जन्म 28 जुलाई 1936 को बारबाडोस में हुआ था। कुछ दिन पहले ही भारत के सर्वकालिक महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने इंस्टाग्राम पर 1000वीं पोस्ट की, जिसमें उन्होंने सर गैरी सोबर्स के साथ फोटो शेयर की। सचिन ने लिखा कि 1000वीं पोस्ट के लिए इससे बेहतर तस्वीर नहीं हो सकती। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्रिकेट की दुनिया में सर गारफील्ड सोबर्स की क्या अहमियत है।

दुनिया के सबसे बेस्ट ऑलराउंडर
सर गारफील्ड गैरी सोबर्स का इंटरनेशनल करियर कई चमत्कारों से भरा पड़ा है। कोई भी क्रिकेटर उनके जैसा बनना चाहेगा। सर डॉन ब्रेडमैन भी गैरी को दुनिया का सर्वकालिक महान खिलाड़ी मानते थे। गैरी ने 93 टेस्ट मैचों में 57.78 की औसत सरे 8032 रन बनाए। कुल 26 सेंचुरी और 30 हाफ सेंचुरी मारने वाले गैरी सोबर्स के नाम 235 विकेट लेने का भी कारनामा दर्ज है। उन्होंने एक भी वनडे मैच नहीं खेला था लेकिन उस जमाने में 6 गेंद पर 6 छक्के मारने का करिश्मा किसी ने किया तो वे सर गैरी सोबर्स ही थे। इतना ही नहीं पहले टेस्ट शतक में उन्होंने 365 रनों की मैराथन पारी खेली, जो किसी भी क्रिकेटर का सपना हो सकता है। उन्हें फील्डिंग में भी महारत हासिल थी, जिसकी वजह से वे आज भी दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर माने जाते हैं।

गरीबी में गैरी का बीता बचपन
सर गैरी गारफील्ड सोबर्स के लाइफ स्ट्रगल की बात करें तो वे बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। लेकिन वह कहावत है कि जिद के आगे सब हार जाते हैं तो गैरी सोबर्स की जिद ही थी, जिसने उन्हें दुनिया भर का चहेता खिलाड़ी बना दिया। गरीबी इतनी थी कि उन्हें फुल पैंट बनवाने तक के पैसे नहीं थे। वे 16 साल तक हाफ पैंट में ही क्रिकेट खेलते रहे। 1952-53 में उन्हें पहली बार वेस्टइंडीज की टीम में जगह मिली। यह खास इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने अपना क्रिकेट करियर भारत के खिलाफ शुरू किया। जब वे डेब्यू कर चुके थे तो उनके पास ड्रेस तक के पैसे नहीं थे लेकिन तब बारबाडोस क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने पैसे से उन्हें ड्रेस दिलाई।

6 गेंदों पर 6 छक्के मारने का करिश्मा
यह 1968 का वक्त था और इंग्लिश काउंटी का मैच चल रहा था। नाटिंघमशायर की ओर से खेलते हुए सोबर्स ने मैलकम नैश की सभी 6 गेंद पर 6 छक्के जड़ दिए। यह पहली बार था जब क्रिकेट की दुनिया में 6 गेंदों पर 6 छक्के लगे थे। बाद में 1985 में भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री ने बड़ौदा में तिलकराज की गेंद पर 6 छक्के लगाए। इसके 25 साल बाद भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 विश्वकप मैच में लगातार 6 छक्के लगाकर दुनिया भर में सनसनी फैला दी। लेकिन जिस वक्त गैरी सोबर्स ने छक्के लगाए, तब क्रिकेट की एक पारी में एक छक्का लगा देना भी बड़ी बात मानी जाती थी। गैरी सोबर्स ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा है कि उनके हाथ में 6 अंगुलियां हैं। हालांकि बाद में उन्होंने उन एक्स्ट्रा अंगुलियों का ऑपरेशन करा दिया।

जब शराब पीकर भी ठोंक दी सेंचुरी
सर गैरी सोबर्स की लाइफ में यह भी गजब का वाक्या है। वक्त 1973 का था। क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लार्ड्स के मैदान पर मैच चल रहा था। मैच समाप्त होने पर सोबर्स 31 रन बनाकर नॉटआउट लौटे। फिर वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लॉयड उन्हें क्लब लेकर गए। वहां सभी लोग सुबह 4 बजे तक शराब पीते रहे। सोबर्स को अगले दिन भी बैटिंग करनी थी, इसलिए वे सोए ही नहीं। कहा कि सो जाएंगे तो मैच के लिए उठ नहीं पाएंगे। वे क्लब से निकले तो कुछ और शराब पी और फिर लार्ड्स में ही नहाने चले गए। इसके बाद वे सीधे मैच खेलने मैदान में उतरे। वे कहते हैं कि पहली 5 गेंदे तो उन्हें दिखी ही नहीं लेकिन अगली गेंद बैट के बीचोबीच लगी। इसके बाद दुनिया ने वह देखा जो आज तक याद है। सोबर्स ने इस मैच में न सिर्फ सेंचुरी मारी बल्कि 150 रन ठोंक डाले। ऐसे महान खिलाड़ी को दुनिया सलाम करती है।

यह भी पढ़ें

कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए दुल्हन की तरह सजा बर्मिंघम, शहर में 'पेरी द बुल' का क्रेज, देखें यह 10 लेटेस्ट PHOTOS