सार
कांग्रेस ने 2015 के विधानसभा चुनाव में करीब आधे दर्जन से ज्यादा पार्षदों को टिकट दिया था। इसमें मुकेश गोयल, रीता शौकीन, संदीप तंवर, सतबीर सिंह, जाकिर खान और रिंकू के नाम शामिल थे, लेकिन एक भी पार्षद विधानसभा नहीं पहुंच सका था। पिछले चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई थी।
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीतिक जंग तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे को मात देने के लिए अपने-अपने मोहरों को फाइनल करने में जुटे हैं। विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भी दिल्ली नगर निगम के कई पार्षद कमर कस रहे हैं। अलग अलग पार्टियों से टिकट के लिए जोड़तोड़ में लगे हैं।
2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस से जितने भी निगम पार्षद चुनावी मैदान में उतरे थे, उन सभी पार्षदों को हार का मुंह देखना पड़ा था। जबकि आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सभी पार्षद विधायक बनने में कामयाब रहे थे। इनमें से इमरान हुसैन तो विधायक बनने के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री भी बन गए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी में सबसे ज्यादा पार्षदों ने टिकट की दावेदारी पेश की है। दिल्ली की सदर बाजार, मटियाला, चांदनी चौक, शालीमार बाग सीट से बीजेपी पार्षदों ने दावेदारी की है। इनमें नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयप्रकाश, साउथ एमसीडी की नेता सदन कमलजीत सहरावत, नॉर्थ दिल्ली के मेयर अवतार सिंह, नेता सदन तिलकराज कटारिया, साउथ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता और साउथ दिल्ली की मेयर सुनीता कांगड़ा और ईस्ट एमसीडी में नेता सदन निर्मल जैन जैसे पार्षदों ने विधानसभा टिकट के जुगत में है।
हालांकि बीजेपी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में में रजनी अब्बी, राम किशन, आजाद सिंह, रेखा गुप्ता, डॉ महेंद्र, राजेश कुमार, रविंद्र, सरिता, बीबी त्यागी, जितेंद्र चौधरी और संजय जैन जैसे पार्षदों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था। मगर इनमें से एक भी पार्षद चुनाव नहीं जीत पाया।
कांग्रेस पार्षद मांग रहे टिकट
कांग्रेस के निगम पार्षद भी विधानसभा चुनाव में टिकट चाहते हैं। नॉर्थ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल आदर्श नगर, साउथ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त कस्तूरबा नगर और ईस्ट एमसीडी में कांग्रेस दल की नेता रिंकू जयंत सीमापुरी विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं। मुकेश गोयल कांग्रेस के सबसे पुराने हैं और उन्हें टिकट मिलना तय माना जा रहा है। पार्टी मुकेश गोयल को वैश्य बहुल सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है।
हालांकि कांग्रेस ने 2015 के विधानसभा चुनाव में करीब आधे दर्जन से ज्यादा पार्षदों को टिकट दिया था। इसमें मुकेश गोयल, रीता शौकीन, संदीप तंवर, सतबीर सिंह, जाकिर खान और रिंकू के नाम शामिल थे, लेकिन एक भी पार्षद विधानसभा नहीं पहुंच सका था। पिछले चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई थी।
APP के पार्षद भी मांग रहे टिकट
उधर, इस बार भी आम आदमी पार्टी के कई निगम पार्षद विधानसभा जाना चाहते हैं। नॉर्थ एमसीडी में नेता विपक्ष सुरजीत पवार, साउथ एमसीडी की नेता विपक्ष किशनमती और ईस्ट एमसीडी के नेता विपक्ष रोहित मेहरोलिया ने टिकट की दावेदारी की है। ईस्ट एमसीडी में नेता विपक्ष रहे कुलदीप कुमार, साउथ एमसीडी के प्रवीण कुमार, नॉर्थ एमसीडी के अनिल लाकड़ा और ईस्ट एमसीडी के अब्दुल रहमान टिकट के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं। मौजूदा विधायकों के साथ दूसरी पार्टी से आने वाल नेताओं के बीच पार्षदों की दावेदारी से पार्टी को टिकट बांटने में मुश्किलें आ सकती हैं।
2015 के विधानसभा चुनाव में AAP में पार्षदों के जीतने का रिकॉर्ड काफी बेहतर था। केजरीवाल की राजनीतिक ग्राफ बढ़ने के चलते कांग्रेस और बीजेपी सहित कई निर्दलीय निगम पार्षदों ने आप का दामन थाम लिया था और केजरीवाल ने उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें नरेश बाल्यान, रघुवेंद्र शौकीन, इमरान हुसैन, महेंद्र यादव और भावना गौड़ का नाम शामिल थे। ये सभी पार्षद विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इमरान हुसैन को तो केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट में भी जगह दे रखी है।