सार

Surya Grahan 2022: भारत में साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है। ग्रहण का असर सबसे पहले अमृतसर में दिखाई दिया। यहां धीरे-धीरे सूर्य ढंकने लगा और हल्का अंधेरा छा गया, ये ग्रहण चेन्नई में सबसे अंत में दिखाई दिया।
 

उज्जैन. साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) समाप्त हो चुका है। भारत में सूर्य ग्रहण सबसे पहले अमृतसर में दिखाई दिया। इसके बाद कुरुक्षेत्र, जम्मू, चेन्नई, बेंगलुरू आदि क्षेत्रों में भी आंशिक सूर्य ग्रहण का असर देखने को मिला।  भारत में ये सूर्य ग्रहण जम्मू, श्रीनगर, उत्तराखंड, पंजाब, लेह-लद्दाख, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में दिखाई दिया। अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, नगालैंड में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं दिया चूंकि तब तक सूर्यास्त हो चुका था। ग्रहण का सूतक काल 26 अक्टूबर, बुधवार की सुबह तक रहेगा।



 

सूतक काल के बाद क्या करें? (What to do after solar eclipse?)
सूर्य ग्रहण का सूतक 26 अक्टूबर, बुधवार की सुबह तक माना जाएगा। इस दिन सुबह उठते ही घर को अच्छी तरह से धोएं। संभव हो तो गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें। इसके बाद स्वयं भी स्नान करें। भगवान की प्रतिमाओं को स्नान करवाएं और मंदिर को भी अच्छी तरह से साफ करें। ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। इससे समस्याएं कम होती हैं।

किस राशि पर होगा सूर्य ग्रहण का सबसे अशुभ प्रभाव? 
ये ग्रहण तुला राशि में होगा। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और केतु तुला राशि में ही रहेंगे। इनके अलावा शुक्र ग्रह भी इसी राशि में रहेगा। ग्रहण के प्रभाव के कारण इस राशि के लोगों को खान-पान पर नियंत्रण रखना होगा और वाहन चलाते समय भी सावधानी रखनी होगी। 

दीपावली पर कब-कब बना ग्रहण का संयोग? 
ज्योतिषियों के अनुसार, दीपावली के आस-पास पहले भी कई बार सूर्य ग्रहण का संयोग बन चुका है। गोवर्धन पूजा वाले दिन सूर्य ग्रहण 260 साल पहले हुआ था यानी 17 अक्टूबर 1762 को। इसके बाद 1949, 1967, 1985 को भी दीपावली पर सूर्य ग्रहण का संयोग बन चुका है।


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