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अंगारक चतुर्थी 2 मार्च को, इस विधि से करें भगवान श्रीगणेश की पूजा और ये आसान उपाय
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पूजा में बोलें गणेशजी के 12 नाम मंत्र
गणेशजी को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप करें। ऊँ गणाधिपतयै नम:, ऊँ उमापुत्राय नम:, ऊँ विघ्ननाशनाय नम:, ऊँ विनायकाय नम:, ऊँ ईशपुत्राय नम:, ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:, ऊँ एकदन्ताय नम:, ऊँ इभवक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहनाय नम:, ऊँ कुमारगुरवे नम:
ये है गणेशजी की सरल पूजा विधि
- गणेश चतुर्थी पर स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश को जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। पूजा का धागा अर्पित करें। चावल चढ़ाएं।
- गणेश मंत्र बोलते हुए दूर्वा चढ़ाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें।
- पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांट दें। अगर संभव हो सके तो घर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं। दक्षिणा दें।
- गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले व्यक्ति को शाम को चंद्र दर्शन करना चाहिए, पूजा करनी चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए।
शुभ फल पाने के लिए ये उपाय करें
1. भगवान श्रीगणेश का अभिषेक स्वच्छ जल से करें। इस दौरान गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करते रहें। इससे आपकी समस्याओं का निदान हो सकता है।
2. भगवान श्रीगणेश को 11 साबूत हल्दी की माला अर्पित करें। बाद में इस माला को अपने धन स्थान पर रखें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
3. पूजा की सुपारी को भगवान श्रीगणेश का स्वरूप मानकर उसकी पूजा करें और इसे लाल कपड़े में बांधकर अपने घर में रखें।