वसंत पंचमी: ये है देवी सरस्वती की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त, ऐसे करें आरती
उज्जैन. माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व 16 फरवरी, मंगलवार को है। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, वसंत पंचमी पर यदि विधि-विधान से देवी सरस्वती की पूजा की जाए तो विद्या व बुद्धि के साथ सफलता भी निश्चित मिलती है। वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा इस प्रकार करें-
| Published : Feb 15 2021, 11:43 AM IST
- FB
- TW
- Linkdin
पूजन विधि
सुबह स्नान कर पवित्र आचरण, वाणी के संकल्प के साथ माता सरस्वती की पूजा करें। पूजा में गंध, अक्षत (चावल) के साथ खासतौर पर सफेद और पीले फूल, सफेद चंदन तथा सफेद वस्त्र देवी सरस्वती को चढ़ाएं। प्रसाद में पीले चावल, खीर, दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, घी, नारियल, शक्कर व मौसमी फल चढ़ाएं। इसके बाद माता सरस्वती से बुद्धि और कामयाबी की कामना कर, घी के दीप जलाकर आरती करें।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि 16 फरवरी सुबह 3 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और 17 फरवरी सुबह 5 बजकर 46 बजे समाप्त होगी। वसंत पंचमी का पूजा मुहूर्त 16 फरवरी को सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद चौघड़िया देखकर भी पूजा कर सकेंगे।
देवी सरस्वती की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।। जय सरस्वती...।।
चंद्रवदनि पद्मासिनी, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी।। जय सरस्वती...।।
बाएँ कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला।। जय सरस्वती...।।
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया।। जय सरस्वती...।।
विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो।। जय सरस्वती...।।
धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो।।।। जय सरस्वती...।।
मां सरस्वती जी की आरती, जो कोई नर गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे।। जय सरस्वती...।।