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दिसंबर 2021 में Electric vehicle की डिमांड में 240 फीसदी का इजाफा, पहली बार 50 हजार का आंकड़ा पार किया
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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिसंबर 2020 में पूरे भारत में कुल 14,978 इलेक्ट्रिक वाहन registered किए गए थे। जबकि पिछले साल नवंबर में, पूरे भारत में 42,055 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए गए थे । दिसंबर 2021 में कुल ईवी बिक्री 50,866 यूनिट्स की रही है।
टू व्हीलर्स की हुई जबरदस्त बिक्री
रिसर्च के मुताबिक दिसंबर 2021 में सबसे अधिक EV registrations इलेक्ट्रिक दोपहिया ( electric two-wheelers) और यात्री तिपहिया वाहनों (three-wheelers) के किए गए है। इन दोनों वाहनों का बीते महीने में कुल ईवी पंजीकरण का 90.3 प्रतिशत था। अकेले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों ने कुल EV registration में 48.6 प्रतिशत का योगदान दिया। इलेक्ट्रिक कारों ने पांच फीसदी और इलेक्ट्रिक कार्गो तिपहिया वाहनों ने 4.3 फीसदी का योगदान दिया है।
इस राज्य में बढ़ी डिमांड
अध्ययन से यह भी पता चलता है कि उत्तर प्रदेश वह राज्य था जहां दिसंबर 2021 में सबसे अधिक electric vehicles का रजिस्ट्रेशन किया गया था। पिछले महीने कुल ईवी पंजीकरण का 23 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में किया गया था, जिसमें 10,000 से अधिक यूनिट्स थीं। महाराष्ट्र (13 प्रतिशत), कर्नाटक (नौ प्रतिशत), राजस्थान (आठ प्रतिशत) और दिल्ली (सात प्रतिशत) शीर्ष पांच स्थानों पर अन्य राज्य थे। तमिलनाडु ने भी दिसंबर 2021 में भारत में कुल EV registrations में सात प्रतिशत का योगदान दिया है।
इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स की मांग बढ़ी
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेने वालों की संख्या बढ़ रही है, खासकर इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स की मांग बढ़ी है। वहीं टू-व्हीलर्स को लेकर भी लोगों में जबरदस्त उत्साह है, इसकी मांग में भी भारी इजाफा हुआ है।। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और बिक्री में वृद्धि कई फैक्टर हैं। इनमें वाहनों से होने वाला कार्बन उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग जैसे कारण भी शामिल हैं। इसको लेकर लोगों में जागरूकता आई है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की मांग बढ़ती जा रही है। ऑटो, बाइक, स्कूटर, कार के बाद अब सार्जनिक परिवहन (Public transportation) के बड़े वाहनों में भी ईवी का चलन बढ़ रहा है। ये एक अच्छा संकेत है। इससे आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगेगी। वहीं प्रदूषण पर नियंत्रण (pollution control) हो पाएगा। वहीं इस दिशा में केंद्र सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। भारत सरकार ने देश के कुछ प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसों (electric buses) का संचालन शुरु कर दिया है। आने वाले समय में निजी कंपनियां भी निश्चित तौर पर इस तरह के कदम उठायेगीं।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को लेकर लोगों की जागरूकता बढ़ती जा रही है। सरकार भी इन वाहनों को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि ये इको-फ्रेंडली तो हैं ही, साथ ही काफी किफायती भी हैं। सरकार 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है ।
वहीं, ग्रीन एनर्जी के लिए सरकार भी प्रयासरत है। यही वजह है कि विभिन्न सरकारों के द्वारा ईवी वाहनों की खरीद में सब्सिडी दी जा रही है। वहीं ईवी पॉलिसी की एक wide range की उपलब्ध कराई जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई इनोवेटिव आईडिया पर काम कर रहे हैं। निश्चित तौर पर आने वाले कुछ समय में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
दिल्ली और जयपुर के बीच बनेगा पहला इलेक्ट्रिक हाईवे (electric highway)
देश में तेजी से ईवी का प्रचलन बढ़ रहा है। नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि दिल्ली और जयपुर के बीच पहला इलेक्ट्रिक हाईवे (electric highway) बनाया जाएगा। 200 किलोमीटर की लंबाई वाले इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जाएगा। ये लेन पूरी तरह इलेक्ट्रिक होगी और इसमें केवल और केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही दौड़ेंगे । केंद्र सरकार इसके लिए स्वीडन की प्रतिष्ठित कंपनियों से डील कर रही है।