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Round Up 2021 : ऑटो सेक्टर में एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट, इन वजहों ने किया इंडस्ट्री को पस्त, देखें आंकड़े
ऑटो डेस्क। भारत त्यौहारों का देश है, ये पर्व बिजनेस के लिए भी उतना ही महत्व रखते हैं, जितना धर्म के लिए। भारतीयों में त्यौहारों के नजदीक कोई विशेष आयटम खरीदने की परंपरा है। मकर संक्राति, बसंत पंचमी, होली, दिवाली, रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, धनतेरस, एकादशी तक जमकर खरीददारी होती है। वाहनों की खरीदी तो ज्यादातर त्यौहारों के नजदीक ही होती है। देश में इन मौकों पर ऑटो सेक्टर शानदार कारोबार करता है। वहीं फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने इस साल के त्योहारी सीजन के आंकड़े जारी किए हैं। संस्था के मुताबिक साल 2021 में बीते एक दशक में सबसे खराब बिक्री का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। आकड़ों के जरिए देखें ऑटो सेक्टर में कितनी गिरावट दर्ज की गई...
| Published : Dec 19 2021, 08:55 PM IST / Updated: Dec 19 2021, 09:03 PM IST
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वाहन उद्योग के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 का त्योहार का सीजन एक दशक में सबसे बुरा बीता है। FADA के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने इसके लिए कई कारण गिनाए हैं। FADA ने भारत में सबसे अधिक बिक्री वाले त्योहारी सीजन के 42 दिन के आंकड़े जारी किए हैं। अक्टूबर 2021 और अक्टूबर 2019 के महीने की तुलना करने पर -5.33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं ओवरऑल सेल में -26.64 प्रतिशत की कमी आई है।
महंगाई बढ़ने से बिक्री हुई प्रभावित
कोरोना संकट की वजह से कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। कंपनियों ने अनाप-शनाप दाम पर कच्चा माल जुटाया है। वहीं लॉकडाउन और तमाम मुश्किलों की वजह से कर्मचारियों का भी टोटा रहा है। बढ़ती लागत की वजह कंपनियों ने अपने व्हीकल के दाम बढ़ाए हैं। वहीं ग्राहकों को ये आशंका थी कि कोरोना संकट समाप्त होने के बाद कीमतें पुराने स्तर पर आ जाएंगी, इस वजह से वाहनों की खरीदी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
सेविंग खर्च नहीं करने से सेल में कमी
देश में कोविड-19 संक्रमण के भयावहता और इलाज में लगने वाले भारी खर्च की वजह से भारतीय ग्राहकों ने वाहन खरीदी को टाल दिया था। मार्केट एक्सपर्ट ने इस संबंध में कहा है कि मध्यम वर्ग छोटे वाहनों की खरीद करता है, इसकी मांग अभी भी लेवल पर नहीं आई है। दरअसल देश की ज्यादातर आबादी स्वास्थ्य संबंधी कारणों से सेविंग को खर्च नहीं करना चाहते हैं। इस वजह से छोटे वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई है। वहीं वाहन निर्माताओं का मानना है कि मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन सेमीकंडक्टर चिप और दूसरे कच्चे सामान की कमी के कारण प्रोडक्शन और डिलीवरी नहीं हो पा रही है।
सेकंड हैंड कारों का बढ़ा व्यापार
पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से भी वाहन की मांग घटी है। ज्यादातर लोग अच्छे और सस्ते इलेक्ट्रिक वाहन का इंतजार कर रहे हैं। इस वजह से लोगों ने नए वाहन खरीद में रुचि नहीं दिखाई है। वहीं मेट्रो शहरों में तो सार्वजनिक साधनों की तरफ लोग मुड़े हैं। इस वजह से भी वाहनों की डिमांड कम हुई है। कोरोना संकट के दौरान यूज्ड कारों की जमकर बक्री हुई है। इस वजह से भी नए वाहनोंकी बिक्री प्रभावित हुई है।
लॉन्चिंग में आई कमी
इस वित्तीय वर्ष में बहुत कम नए वाहन लॉन्च किए गए हैं। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी, साल 2021 की शुरुआत में सिर्फ एक फेसलिफ्ट मॉडल ही लेकर आई थी, जबकि देश में सबसे ज्यादा डिमांड मारूति कारों की होती है। वहीं कोरोना की वजह से अधिकतर कंपनियों ने नई लॉन्चिंग को रोक दिया था । नए वाहन ना आने की वजह से वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई है।
सेमीकंडक्टर चिप की कमी
पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप की कमी से ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी का दौर रहा है। चिप ना मिलने से प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है। वहीं कई कंपनियों को तो अपनी यूनिट भी बंद करनी पड़ गई, इस वजह से वाहनों की डिलीवरी का वेटिंग पीरियड काफी बढ़ गया है। डिलीवरी में देरी के कारण ग्राहकों ने बुकिंग तक कैंसिल कर दी है। इससे र बिक्री के आंकड़ों पर बुरा असर पड़ा है।
हर प्रकार के वाहनों की सेल हुई प्रभावित
एक्सिस सिक्युरिटीज की रिपोर्ट (Axis Securities Report) के मुताबिक, नवंबर 2021 में ऑटोमोबाइल सेक्टर में पैसेंजर व्हीकल्स (PV) के थोक बिक्री में सालाना आधार पर करीब 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। टू-व्हीलर्स में भी कमजोर डिमांड दर्ज की गई है। इसमें सालाना आधार पर डिस्पैच में 30-32 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं खरीफ सीजन में देरी ओर पिछले के हाई बेस इफैक्ट के चलते ट्रैक्टर इंडस्ट्री के वॉल्यूम में सालाना आधार पर करीब 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कॉमर्शियल व्हीकल्स इंडस्ट्री में करीब 3 फीसदी तक गिरावट आई है।
एक महीने में हुई बड़ी गिरावट
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA)की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 में 11,85,374 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। वहीं मार्च 2020 में 16,49,678 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इस हिसाब से मार्च 2021 की तुलना में अप्रैल 2021 में वाहनों की बिक्री में 28.1 फीसदी की गिरावट आई है। कोरोना की वजहसे ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया था, इस वजह से FADA ने अप्रैल 2021 में हुई बिक्री की तुलना मार्च 2021 से की थी। वहीं एक महीने के आकंड़ों में भारी फर्क दिखाई दिया था।
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