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सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी: पहले फिल्मी दुनिया में नाम कमाया, अब राजनीति में पाना चाहते हैं बड़ा मुकाम
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Elections) में महागठबंधन की मुश्किलें इन दिनों कुछ बढ़ गई है। सीट शेयरिंग को लेकर चल रहे सहयोगी दलों से बातचीत के बीच वीआइपी अध्यक्ष मुकेश साहनी (VIP President Mukesh Sahni) ने महागठंधन के सामने दो बड़ी शर्तें रखकर सबकों परेशानी में डाल दिया है। दरअसल सरकार बनने पर खुद को डिप्टी सीएम (Deputy CM) बनाने और चुनाव में 25 सीट की मांग कर ली हैं। खुद को सन ऑफ मल्लाह बताने वाले ने साहनी ने कहा है कि महागठबंधन से जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के जाने के बाद पार्टियां कम हो गई हैं, इसलिए उनकी 25 सीटों की मांग व डिप्टी सीएम पद पर दावेदारी का मजबूत आधार है। जिननके बारे में अब हर कोई जानना चाहता है। बता दें कि पिछले चुनाव में भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हेलीकाप्टर से 40 सभाओं में हिस्सा लेने वाले मुकेश साहनी ने 'देवदास' (Devdas) और 'बजरंगी भाईजान' (Bajrangi Bhaijaan) जैसी फिल्मों के लिए डिजायन का काम कर चुके हैं, जो सेट्स काफी लोकप्रिय हुए।
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मुकेश साहनी पिछड़े खुद को सन ऑफ मल्लाह (नाविक) कहते हैं। बचपन में उनका परिवार बहुत गरीब था। लेकिनस सहनी ने संघर्ष से बॉलीवुड अपनी पहचान बनाई। वे बॉलीवुड में इवेंट मैनेजमेंट और हिंदी फिल्मों के लिए सेट डिजायन करते थे।
मुकेश साहनी की एक कंपनी है जिसका नाम मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी को चलाने के लिए उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों को रखा है ताकि वह अपने राजनीतिक सपने को पूरा कर सकें। वे 'देवदास' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी फिल्मों के लिए डिजायन का काम कर चुके हैं, जो सेट्स काफी लोकप्रिय हुए।
इस बार महागठबंधन में शामिल होने वाले मुकेश साहनी पिछले चुनाव में विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में थे। वे पहले नीतीश कुमार को समर्थन किए थे। बता दें कि उस समय एनडीए और जेडीयू के बीत गठबंधन टूट गया था। ऐसे में बीजेपी को लगने लगा था कि मल्लाह वोटर्स में अच्छी पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के खिलाफ वो अच्छा विकल्प बन सकते हैं। जिसके चलते बीजेपी ने मुकेश साहनी को अपने खेमें में मिला लिया।
बताते हैं कि उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने करीब 40 सभाओं में मुकेश साहनी को अपने साथ रखा। वह उन्हें अपने साथ हर दिन हेलीकॉप्टर में ले जाते थे और दोनों संयुक्त सभा को संबोधित करते थे। लेकिन, चुनाव बाद यह बात सामने आई कि मल्लाह वोटरों का झुकाव नीतीश कुमार के प्रति अधिक रहा।
मुकेश साहनी भी बीजेपी की विधानसभा चुनाव में हार के बाद फिर वापस मुंबई चले गए थे। लेकिन, पिछले एक वर्ष से बिहार की राजनीति में फिर सक्रिय हुए। वे मल्लाह जाति को वोटरों को एकजुट करने के काम में जुटे हैं। इसके लिए हेलीकॉप्टर, विशेष रथ तक का सहारा ले चुके हैं।
इस समय महागठबंधन में खुद को डिप्टी सीएम पद का दावेदार बताने वाले मुकेश साहनी ने बीते दिनों घोषणा कर दी थी माछ भात खाएंगे और महगठबंधन को जिताएंगे और अगर एनडीए दोहरे अंक में पहुंच गया तो राजनीति नहीं करेंगे, जिसके बाद से वे फिर चर्चा में आ गए।
बता दें कि मुकेश साहनी सालों से निर्विवाद तौर पर निषाद समाज के नेता बने रहने में सफल रहे हैं। दबाव बनाने के लिए वह निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह और उनकी पार्टी राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे 15 प्रतिशत वोट सरकार बना सकते हैं और तोड़ सकते हैं। उत्तरी बिहार में हमारी अच्छी खासी मौजूदगी है।