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Bihar Panchayat Chunav: आरा की MBA पास परिधि के भविष्य का फैसला आज, अब तक ये पढ़े-लिखे भी बने मुखिया
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लाखों की सैलरी का पैकेज छोड़कर चुनाव में
राजनीति को लेकर अक्सर लोगों की एक शिकायत रहती है कि इस फील्ड में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या ना के बराबर है। खासकर पंचायत चुनाव में। लेकिन, बिहार में काफी कम उम्र की शिक्षित लड़कियां चुनाव जीतकर मिथक तोड़ रही हैं। इनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही लड़की के बारे में... जो लाखों रुपए की सैलरी का पैकेज छोड़कर पंचायत चुनाव में उतरी हैं। उनकी किस्मत के फैसले का वक्त भी आ गया है। कुछ ही घंटे बाद उनके आगे की करियर की तस्वीर साफ हो जाएगी। जी हां, भोजपुर (आरा) के कोइलवर में ऐसी ही एक युवा उम्मीदवार चर्चा में हैं। नाम है परिधि गुप्ता (Paridhi Gupta) और उम्र महज 24 साल।
मां भी रह चुकी जिला परिषद सदस्य, पिता इंजीनियर
परिधि गुप्ता कोइलवर ब्लॉक के दक्षिण क्षेत्र संख्या-30 से जिला परिषद सदस्य पद का चुनाव लड़ रही हैं। इस इलाके में 29 नवंबर को मतदान हुआ था। आज 1 दिसंबर को परिधि की किस्मत का भी फैसला होना है। परिधि कोइलवर के चांदी गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता प्रदीप कुमार गुप्ता रेलवे में सेक्शन इंजीनियर हैं। वे फिलहाल वाराणसी में पोस्टेड हैं। परिधि की मां रेखा देवी पहले जगदीशपुर से जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं। वहीं, परिधि ने तमिलनाडु से MBA किया है। उसके बाद साल 2018 में नीदरलैंड की एक कंपनी में बतौर बिजनेस एनालिस्ट काम किया। वो BYJU में भी असोसिएट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। अब लाखों रुपए के पैकेज को छोड़कर पंचायत के चुनाव में उतरकर राजनीति की शुरुआत की है।
क्या कहती हैं परिधि
परिधि ने चुनाव प्रचार के दौरान कोईलवर प्रखंड में अपनी मां के साथ जनसंपर्क किया। वे कहती हैं कि मैं पंचायत से जुड़ी समस्याओं को दूर करना चाहती हूं, इसी इरादे से चुनाव में उतरी हूं। जिला स्तर से जुड़ी कोई भी समस्या हो, उसे दूर करना है। इस इलाके में शिक्षा, कृषि और हॉस्पिटल से जुड़ी समस्याएं प्राथमिकता के साथ दूर करूंगी। आम लोगों को उन योजनाओं का लाभ दिलाना चाहती हूं, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं हो पाती है। परिधि का कहना था कि अगर अब पढ़े-लिखे लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो आने वाली नई पीढ़ी हमसे क्या सीखेगी और क्या बोलेगी? जो इलाके के हालात हैं, उसे और डेवलप होने की जरूरत है। इसमें मेरी मां ने बहुत मदद की है। उन्होंने मेरे चुनाव लड़ने के निर्णय की सराहना की और पूरा सहयोग दिया है।
इधर, भागलपुर में 21 साल की आयशा बनीं मुखिया
भागलपुर में आयशा खातून सबसे कम उम्र की महिला मुखिया बनी हैं। ये फतेहपुर पंचायत से उम्मीदवार थीं। आयशा ने बताया कि वे सबौर कॉलेज के बीए पार्ट थ्री (राजनीति शास्त्र) की छात्रा हैं। 22 जुलाई 2017 को उनका विवाह मोहम्मद ताज हुसैन से हुआ, जो एक इंजीनियर हैं। आयशा ने कहा कि अब वे क्षेत्र का विकास करेंगी। सड़क से लेकर शिक्षा तक पर ध्यान देंगी।
शिवहर में 21 साल की अनुष्का मुखिया बनीं
शिवहर जिले में 21 साल की अनुष्का कुमारी मुखिया बनी हैं। उन्होंने कुशहर पंचायत से जीत दर्ज की है। अनुष्का ने बेंगलुरु से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और पंचायत चुनाव में उतरीं। जीत के बाद उन्होंने कहा कि वे अपनी पंचायत की किस्मत बदलने के लिए काम करेंगी।
छपरा में 22 साल की अंजनी जीतीं
छपरा में बनियापुर प्रखंड के रामधनाव पंचायत से 22 साल की अंजनी कुमारी ने मुखिया पद पर जीत दर्ज की। बीए पार्ट थ्री की छात्रा हैं और जो वेस्टेज कंपनी में नेटवर्क मार्केटिंग का काम करती हैं। अंजनी के चाचा प्रभुनाथ मांझी ने कहा कि लोग अब जाति-समाज के भेदभाव से ऊपर उठकर पंचायत के विकास के लिए शिक्षित और स्वच्छ छवि के उम्मीदवार को जनप्रतिनिधि के रूप में पसंद कर रहे हैं।
कटिहार में 12वीं की छात्रा वार्ड पार्षद बनीं
कटिहार पंचायत चुनाव में 21 साल की खुशबू वार्ड सदस्य बनीं। आजमनगर प्रखंड के मर्वतपुर पंचायत के वार्ड संख्या एक से खुशबू कुमारी पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं और जीत दर्ज की। इस गांव में कई प्रत्याशी लड़ रहे थे। लेकिन, जनता ने बेटी को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है। खुशबू कुमारी 12वीं की छात्रा हैं।
जमुई में डॉक्टर ने जीता चुनाव
जमुई की किरण खैरा प्रखंड की बानपुर पंचायत में डॉक्टर को मुखिया बनाया गया है। यहां मेडिसिन में एमडी तक की यूक्रेन (विदेश) में पढ़ाई करने वाले डॉक्टर इबरार ने चुनाव जीता। वे अब गांव में विकास और सुधार की जिम्मेदारी संभालेंगे। डॉ. इबरार कोलकाता में रहकर एक बड़े अस्पतालों में सेवा दे रहे थे। इस बीच, काफी लंबे अरसे बाद लॉकडाउन में गांव आए तो फिर इनकी समस्याओं के खुद को दूर नहीं रख सके।