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पिता-पुत्र की 5 कारोबारी जोड़ियां; किसी ने दोगुना किया कारोबार पर एक विरासत बचाने को कर रहे संघर्ष
बिजनेस डेस्क। बिजनेस की दुनिया में ऐसी कई परिवार हुए, जिनमें पिता के साथ उनके बेटों ने व्यवसाय को संभालाने का काम किया। बहुतों ने पिता के नहीं रहने पर व्यवसाय को आगे बढ़ाया और उसे बहुत ऊंचाई पर पहुंचाया, वहीं कई ऐसा कर पाने में सफल नहीं हो सके। आज फादर्स डे के मौके पर हम आपको भारत के कुछ ऐसी बिजनेस फैमिली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके व्यवसाय में पिता के साथ-साथ उनके बेटों का भी बड़ा अहम रोल रहा। इनमें कुछ तो बिजनेस में आगे बढ़ने में कामयाब हो गए, लेकिन कुछ उतनी सफलता नहीं हासिल कर सके। जानते हैं इनके बारे में।
| Published : Jun 21 2020, 01:16 PM IST / Updated: Jun 21 2020, 01:46 PM IST
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धीरूभाई अंबानी : मुकेश और अनिल अंबानी
धीरूभाई अंबानी भारतीय व्यवसाय जगत की एक ऐसी शख्सियत रहे, जिन्होंने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय किया। धीरूभाई अंबानी ने यमन में एक गैस स्टेशन पर अटेंडेट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। जिस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह सरकार द्वारा नियंत्रित थी, उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर पेट्रोकेमिकल का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया और रिलायंस इंडस्ट्रीज को स्थापित कर उसे एक नई पहचान दी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के कारोबार में उनके दोनों बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी की बड़ी भूमिका रही। इन दोनों ने परिवार के व्यवसाय को आगे बढ़ाने का का काम किया।
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी
धीरूभाई अंबानी ने बहुत संघर्ष कर के और कड़ी प्रतियोगिता का सामना करते हुए अपने बिजनेस एम्पायर को खड़ा किया। उन्होंने पेट्रोकेमिकल से लेकर टेक्स्टाइल तक के कारोबार में हाथ आजमाया। उन्होंने विमल ब्रांड की शुरुआत की। उन्होंने रिलांयस को भारत की बड़ी कंपनियों में से एक बना दिया। 2002 में धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया। कुछ समय तक मुकेश अंबानी और छोटे भाई अनिल अंबानी ने साथ में काम किया। 2007 में रिलायंस और अंबानी परिवार की कुल राशि 100 अरब डॉलर हो गई थी। लेकिन बाद में दोनों भाइयों में बिजनेस के बंटवारे के लिए संघर्ष शुरू हो गया। साल 2005 में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस में दोनों भाइयों का बंटवारा हो गया। इसके पहले ही अनिल अंबानी ने एक पावर जनरेशन प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी थी।
मुकेश अंबानी : आकाश, ईशा और अनंत अंबानी
2005 में बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकेमिकल के मुख्य कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आईं। वहीं, अनिल अंबानी ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप बना लिया। इसमें रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेस और आरकॉम प्रमुख थीं। शुरू में अनिल अंबानी उनसे संपत्ति के मामले में आगे थे, लेकिन आज 60.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ वे कारोबार के शीर्ष पर पहुंच गए हैं। मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने टेलिकॉम के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी। आज जियो प्लेटफॉर्म्स में सबसे ज्यादा निवेश हुआ है और अब रिलायंस इंडस्ट्रीज तय लक्ष्य से पहले ही कर्जमुक्त हो चुकी है। मुकेश अंबानी के बिजनेस एम्पायर में उनके दोनों बेटे आकाश और अनंत अंबानी अहम भूमिका निभाते हैं। उनकी बेटी ईशा अंबानी भी फैमिली के कारोबार से जुड़ी हुई हैं।
अनिल अंबानी : जय अनमोल और जय अंशुल
बंटवारे के बाद अनिल अंबानी संपत्ति के मामले में बड़े भाई मुकेश अंबानी से आगे थे। फोर्ब्स की 2008 की दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में अनिल अंबानी का नाम छठवें स्थान पर था। लेकिन आज हालत ऐसी हो गई है कि अनिल अंबानी भारी कर्ज के बोझ से लदे हैं। उन्हें अपने हर बिजनेस में नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले दिनों अदालत में एक केस की सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी ने अपना नेटवर्त जीरो बताया था। कर्ज से जुड़े एक मामले में उनके जेल जाने की नौबत आ गई थी, तब मुकेश अंबानी ने उनकी कर्ज चुकाया। हालत यह है कि भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी से दिवालिया कानून के तहत 1,200 करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण में आवेदन दिया है। अनिल अंबानी के दोनों बेटे जय अनमोल अंबानी और जय अंशुल अंबानी पहले बिजनेस से जुड़े थे, लेकिन अब इन्होंने इससे किनारा कर लिया है।
विजय माल्या : सिद्धार्थ माल्या
लिकर किंग कहे जाने वाले विजय माल्या भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ का कर्जा लेकर लेकर देश छोड़ कर भाग चुके हैं। बंद हो चुके किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक और शराब कारोबारी माल्या पर 17 बैंकों का कर्ज बकाया है। माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़ कर ब्रिटेन चले गए थे। इनके बेटे सिद्धार्थ माल्या पहले बिजनेस में इनके साथ थे, लेकिन अब वे एक मॉडल और अभिनेता के रूप में काम करते हैं। विजय माल्या का प्रत्यर्पण कर भारत लाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है।
नुस्ली वाडिया : नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया
नुस्ली वाडिया का वाडिया ग्रुप भारत के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस ग्रुप में एक माना जाता है। नुस्ली वाडिया का संबंध पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना से है। नुस्ली वाडिया जिन्ना की बेटी डिना वाडिया की संतान हैं। बॉम्बे डाइंग इनकी प्रमुख कंपनी है। इनके दोनों बेटे नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया परिवार के कारोबार से जुड़े हुए हैं। नुस्ली वाडिया टाटा से चले विवाद को लेकर चर्चित रहे, पर बाद में उनमें सुलह हो गई। नेस वाडिया बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रिटी जिंटा से अपने संबंधों को लेकर चर्चा में रहे। उन पर नशीले पदार्थ रखने का भी आरोप लग चुका है।